सरकार ने आर्थिक सर्वे 2025 में बताया 2047 के विकसित भारत का रोडमैप

नई दिल्ली। सरकार की दिशा विकसित भारत है और बजट से पूर्व शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने भी अपने संक्षिप्त संदेश में इस पर जोर दिया। लेकिन इसकी एक बड़ी शर्त है यह है कि कम से कम एक दशक तक आठ फीसद की ग्रोथ रेट बनी रहे। वित्त वर्ष 2024-25 और वर्ष 2025-26 में आर्थिक विकास दर के घटने की आशंकाओं के बीच इसपर ज्यादा ध्यान दिया जाना जरूरी हो गया है। सदन में शुक्रवार को पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2025 में 2047 तक भारत को किस तरह से विकसित देश बनाया जाए, इसका एक संपूर्ण रोडमैप दिया गया है। रोडमैप में मौजूदा नियमों व कानूनों में बहुत ही व्यापक स्तर के संशोधन व बदलावों की जरूरत बताते हुए भारत में कारोबार करने की प्रक्रिया को आसान बनाने को प्राथमिकता के तौर पर गिनाया है। लेकिन सुधारों की आगामी प्रक्रिया में केंद्र से ज्यादा राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण बताई गई है। ये क्षेत्र हैं प्रशासन, भूमि, बिल्डिंग व कंस्ट्रक्शन, श्रम, बिजली-पानी जैसी सुविधाएं, ट्रांसपोर्ट, वेयरहाउस जैसे लॉजिस्टिक्स क्षेत्र, कृषि उत्पादों की खरीद-बिक्री, पर्यावरण और खाद्य सुरक्षा जैसे क्षेत्र। इन क्षेत्रों में राज्यों के पास इतने अधिकार हैं कि कारोबार की शुरूआत करने, उसे बंद करने की प्रक्रिया को दुरूह बनाते हैं और इससे आर्थिक गतिविधियों की राह में अड़चनें आती हैं। राज्यों को सुझाव दिया गया है वो जिन क्षेत्रों में दूसरे राज्य बेहतर कर रहे हैं या दूसरे देशों में सुधार हो रहे हैं, उनसे सीखें और उन सुधारवादी नीतियों को दोहरायें। उदाहरण के तौर पर कुछ राज्यों ने आईटी सेक्टर में महिला कर्मचारियों को लेकर पारंपरिक नीतियों को बदला है, अन्य सभी राज्य इसका अनुसरण कर सकते हैं। जापान, दक्षिण कोरिया ने शहरी विकास व औद्योगिकीकरण को लेकर जो नीतियां लागू की हैं।