ग़ाज़ियाबाद

जीडीए में म्यूटेशन, रिफंड, रजिस्ट्री, फ्री होल्ड समेत अन्य कार्यों के लिए आवेदक परेशान

वेलकम इंडिया

गाजियाबाद। जीडीए में ई ऑफिस व्यवस्था लागू है। इसके बाद भी आवेदक परेशान है। म्यूटेशन, रिफंड, रजिस्ट्री, फ्री होल्ड समेत अन्य कार्यों के लिए आवेदक परेशान है। ज्यादातर आवेदकों के काम तय समयसीमा के भीतर नहीं हो रहे हैं। उन्हें प्राधिकरण के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। पिछले साल दिसंबर माह में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को पूरी तरह ई ऑफिस व्यवस्था में तब्दील कर दिया था। इसका मुख्य कारण प्राधिकरण में आने वाले कार्यों को तय समय सीमा के भीतर पूरा कराना था। क्योंकि जीडीए में विभिन्न कार्यों को लेकर रोजाना 30 से अधिक आवेदन आते हैं। इसमें मुख्य रूप से म्यूटेशन, रिफंड, संपत्ति को फ्री होल्ड, डुप्लीकेट ऑर्डर, रजिस्ट्री और कब्जा से संबंधित होती है। यह सभी आवेदन ऑनलाइन किए जाते हैं। प्राधिकरण में इन सभी कार्यों को पूरा करने के लिए समयसीमा तय है, लेकिन फिर भी प्राधिकरण के बाबू लोगों का काम तय वक्त पर पूरा नहीं करते। ऐसे में बाबू आवेदक को उसके आवेदन में आपत्ति लगाकर प्राधिकरण के चक्कर कटाते रहते हैं। शुक्रवार को भी जीडीए स्वागत कक्ष के बाहर कार्यालय में अंदर जाने के लिए लोग पास बनवाते हुए नजर आए। जब उनसे प्राधिकरण आने का कारण पूछा तो उनमें से ज्यादातर ने अपने कार्य पूरा न होने के बाद बाबुओं से मिलने की बात बताई। हिमांशु गुप्ता गर्ग ने बताया कि उन्होंने म्यूटेशन कराने के लिए करीब तीन महीने पहले आवेदन किया था, लेकिन अभी तक म्यूटेशन नहीं हो सका है। बाबू हर बार दस्तावेजों की कमी बताकर टाल देता है। सुधीर गर्ग बताते हैं कि उन्होंने रिफंड लेने के लिए आवेदन किया था, लेकिन अभी तक रिफंड नहीं मिला है। नियमानुसार जीडीए के बाबू म्यूटेशन कराने के लिए जो आवेदन आते हैं। उसके सभी दस्तावेज उप निबंधक को सत्यापन के लिए भेजते हैं। ऐसे में बाबू खेल कर देते हैं। आरोप है कि वह आवेदक की रजिस्ट्री में लिखा होने के बाद भी उप निबंधक का पता सही नहीं लिखते। इस कारण वह दस्तावेज सत्यापन होकर समय पर नहीं आते हैं। जबकि जिस आवेदक से बाबुओं की सेटिंग हो जाती है। उनके दस्तावेज वह खुद ही मंगवा देते हैं।  जीडीए ने ई ऑफिस व्यवस्था लागू तो कर दी है, लेकिन इसमें अभी भी दिक्कत आ रही है। कई बाबुओं को कंप्यूटर चलाने नहीं आते तो कई की गति काफी धीमी है। ऐसे में उन्हें कंप्यूटर पर काम करने में दिक्कत होती है। वहीं, धीमा इंटरनेट भी बाबुओं के लिए समस्या बना हुआ है। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स का कहना है कि जीडीए में ई ऑफिस व्यवस्था लागू है। सभी अनुभाग के कर्मचारियों को हिदायत दी है कि तय वक्त पर काम पूरा करें। फिर भी अगर किसी आवेदक को कोई शिकायत है, तो वह अधिकारियों से संपर्क कर सकता है।  

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