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रानी अहिल्याबाई का जीवन महिला सशक्तीकरण एवं सनातन धर्म को समर्पित था : विनोद सोनकर

विजय द्विवेदी

वेलकम इन्डिया प्रतापगढ़। कुंडा । 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में जन्मीं सामान्य परिवार की बेटी अपने संघर्षों के बल पर राजा के घर की बहू बनती है। यही नहीं ऐसा भी दिन आया जब पति असमय मृत्यु हो गई। उस समय देश में सती प्रथा चल रही थी। रानी अहिल्याबाई होल्कर ने सती प्रथा को त्याग कर राजपाठ ग्रहण करने के बाद देश में ऐसा शासन किया कि इतिहास बन गया। एक राजा का क्या कर्तव्य होना चाहिए उसे रानी अहिल्याबाई होल्कर ने करके दिखाया। यही नहीं मुगल काल में हमारे देश में धार्मिक स्थलों को तोड़ा गया। काशी विश्वनाथ से लेकर देश के प्रमुख 3000 से अधिक मन्दिरों का जीर्णोद्धार कराया। पूरे देश में सडकों का जाल बिछाया। रानी अहिल्याबाई होल्कर का पूरा जीवन महिला सशक्तीकरण एवं सनातन धर्म को समर्पित था। उक्त बाते कौशांबी के निवर्तमान सांसद विनोद सोनकर ने गुरुवार को नगर पंचायत मानिकपुर में बतौर मुख्य अतिथि कहीं। श्री सोनकर ने आगे कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में महिला सशक्तीकरण को लेकर आधी आबादी को आगे बढ़ाने के लिए बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा ही नहीं दिया। यह हम लोगों का संकल्प है। जिन महापुरुषों का अनदेखा किया किया गया। आज यशस्वी प्रधानमन्त्री के नेतृत्व में रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300 वी जन्म जयंती मनाई जा रही है। नगर पंचायत मानिकपुर एवं नगर पंचायत हीरागंज बाजार में पूर्व सांसद विनोद सोनकर ने कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में भाजपा नेता शिव प्रकाश मिश्र सेनानी,जिला उपाध्यक्ष राजन मिश्र, मीडिया प्रभारी भूपेन्द्र पाण्डेय, सरोज त्रिपाठी, चेयरमैन चन्द्र लता जायसवाल, प्रतिनिधि आशुतोष जायसवाल,उदय शंकर पाण्डेय, ज्ञानेन्द्र मौर्य, सन्तोष तिवारी, सुशील पाण्डेय, राम मूरत पटेल सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

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