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वृंदावन में भूमाफियाओं का आतंक आखिर कब मिलेगा छुटकारा

मथुरा/व्रन्दावन। ब्रज धाम का सबसे पावन धाम वृंदावन को कहा जाता है। पर बढ़ते जमीनों के कब्जों से तो लगता है कि मानो वृंदावन धाम की छवि को ग्रहण लग गया हो।

इस समय जितनी भीड़ वृंदावन में देखने को मिल रही है उससे कही ज्यादा आश्रमों,खाली पड़े प्लॉटों पर कब्जों के मामले देखे जा सकते है।

इन भूमाफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि ये अपने आगे न तो किसी कोर्ट को मानते है और न ही किसी प्रशासन को ।

इनका सिर्फ एक ही मकसद रहता है कि कौन सी जमीन बाहर के व्यक्ति की है और कौन सी जमीन बाबा जी की है।

बस इन्हें पता चलना चाहिए उसके बाद शुरू होता है असली खेल।

पहले तो एक फर्जी रजिस्ट्री करवाई जाएगी,फिर उसके बाद दबंगई से उसपे कब्जा करने की कोशिश की जाएगी अगर कब्जा करने में असफल रहे तो फिर एक फर्जी केस कोर्ट में डाला जाएगा।

जिससे कि न तो जमीन का असली मालिक उस जमीन पर कुछ कर पाए और न ही बेच पाए।

कोर्ट केस में फसने के कारण ये भूमाफिया उस जमीन को सेटलमेंट करके इन्हें दे देते है या फिर किसी भोले भाले इंसान को फसाकर उसको उस जमीन को बेच देते है।

और उससे मोटा पैसा लेके रफूचक्कर हो जाते है।

ऐसे सैकड़ों केस आज मथुरा वृंदावन में देखने को मिल जाएंगे।

ऐसा ही एक मामला सामने आया ।

कृष्ण कृपा धाम परिक्रमा मार्ग के बिल्कुल सामने जहां हरियाणा के एक व्यक्ति की जमीन पर कुछ लोगों के द्वारा कब्जा करने की कोशिश की गई।

जब इसकी सूचना जमीन के असली मालिक को पता चली तो उसने अपने जानकर योगेश गौतम जिला मंत्री विश्व हिंदू परिषद को वहां भेजा तो पता चला कि कुछ व्यक्तियों के द्वारा जमीन पर लगे गेट को उखाड़ कर फेक दिया गया और वहां पर जेसीबी के द्वारा प्लॉट में काम कराया गया।

मगर असली बात तो तब निकल कर सामने आई जब मीडिया से बात करते हुए पीड़ित ने बताया कि सरकारी विभाग का कर्मचारी सतीश राजपूत जो कि स्वास्थ विभाग में कार्यरत है व सत्यम गौतम पुत्र दिलीप गौतम व महेश बघेल ने उस जमीन को एक डॉ भास्कर तिवारी को बेच दिया जबकि उस जमीन पर पहले से ही कोर्ट केस चल रहा है ।

और माननीय कोर्ट के द्वारा उस जमीन पर स्थाई स्टे भी दिया हुआ था।

और कानूनन जिस प्रॉपर्टी पर केस में अगर स्टे लगी हो तो।

 न तो व्यक्ति उसे बेच सकता है और न उसमें कोई कार्य करा सकता है।

मगर आप दबंगई देखिए कि दबंग व्यक्तियों के द्वारा वहां चढ़े फाटक को तोड़कर प्लॉट पर कब्जा करने की कोशिश की गई।जोकि माननीय कोर्ट की अभेलना है।

जब इसकी शिकायत सी ओ सदर से की गई तो सी ओ सदर ने तत्काल कार्यवाही करते हुए पुलिस प्रशासन को वहां भेजा और जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे के काम को रुकवाया।

सोचने वाली बात ये है कि असली मालिक दर दर की ठोकर खा रहा है और नकली मालिक जमीन को बेच कर मजे उड़ा रहा है।

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