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फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज में करंट लगने से दो सफाई कर्मी झुलसे, परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप

फिरोजाबाद के जलेसर रोड स्थित स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय परिसर में मंगलवार को करंट लगने से दो सफाईकर्मी गंभीर रूप से झुलस गए। इस घटना ने कॉलेज प्रशासन में खलबली मचा दी। दोनों सफाई कर्मियों को तुरंत ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।

सफाईकर्मियों के परिजनों के आरोप

पीड़ित सफाईकर्मियों दीपक और राधेश्याम के परिजनों ने आरोप लगाया कि दोनों सफाई कर्मियों से जबरन विद्युत कार्य कराया जा रहा था। उनका कहना था कि यह कार्य उनके सुपरवाइजर नीरज द्वारा सौंपा गया था। परिजनों के मुताबिक, जब दीपक और राधेश्याम विद्युत कार्य कर रहे थे, तब बिजली की सप्लाई अचानक आ गई, जिससे करंट लगने के कारण दोनों गंभीर रूप से झुलस गए। इसके बाद, कॉलेज स्टाफ ने मौके पर उनकी मदद करने की बजाय उन्हें छोड़ दिया और बाद में कुछ लोग उन्हें अस्पताल लेकर आए।

प्राचार्य ने परिजनों के आरोपों को नकारा

स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य योगेश गोयल ने परिजनों के आरोपों को निराधार बताया। उनका कहना था कि दीपक और राधेश्याम सफाईकर्मी थे और वे पावर हाउस के पास गंदगी की सफाई कर रहे थे, जहां बिजली विभाग के कर्मचारी काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन सफाई कर्मियों को विद्युत कार्य नहीं सौंपा गया था। प्राचार्य ने यह भी बताया कि कॉलेज में पिछले 48 घंटे से बिजली की आपूर्ति में समस्या थी और पावर रूम में काम किया जा रहा था।

घटना का विवरण और इलाज की स्थिति

जिला अस्पताल के अधीक्षक नवीन जैन ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर में भर्ती दीपक और राधेश्याम को करंट लगने से हाथों में घाव हुए हैं, और दोनों की स्थिति अब सामान्य है। उन्होंने कहा कि फिलहाल दोनों का इलाज जारी है, लेकिन किसी भी तरह का खतरा नहीं है। दोनों को जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है और जल्द ही उन्हें डिस्चार्ज किया जा सकता है।

सहायक स्टाफ और कॉलेज प्रशासन के बीच विवाद

यह घटना कॉलेज में कामकाजी माहौल और प्रशासन के बीच एक विवाद का संकेत देती है। परिजनों के आरोप और कॉलेज प्रशासन का बयान दोनों में विरोधाभास है, जिससे मामले में और भी गहराई आ गई है। यह घटना अस्पताल कर्मचारियों के लिए एक चेतावनी हो सकती है, और ऐसे मामलों की जांच करना भी जरूरी हो गया है ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।

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