क्या पाकिस्तान ने मनाया पहलगाम हमले का जश्न?

वेलकम इंडिया
उज्ज्वल रस्तोगी वरिष्ठ पत्रकार। नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक आदमी नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में केक ले जाता दिख रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के दो दिन बाद सामने आए इस वीडियो को लेकर लोगों का कहना है कि ये हमले के बाद उच्चायोग की तरफ से जश्न मनाने जैसा है। वायरल वीडियो में हाथों में केक लिए एक आदमी मीडिया के सवालों से बचता नजर आ रहा है। “ये केक किस खुशी में है?.. क्या आप पाकिस्तान उच्चायोग से हैं?” वीडियो में मीडियाकर्मी उस आदमी से पूछते सुने जा सकते हैं। यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ और सोशल मीडिया पर लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। लोगों ने पाकिस्तान उच्चायोग पर आतंकी हमले का जश्न मनाने का आरोप लगाया। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब भारत ने सीमा पार आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ते तनाव के जवाब में, भारत ने कई कदम उठाए हैं। भारत में पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक एक्स अकाउंट को रोक दिया गया है। भारत में एक्स पर @ॠङ्म५३ङ्माढंह्य्र२३ंल्ल को एक्सेस करने की कोशिश करने वाले यूजर्स को एक मैसेज दिखाई देता है जिसमें बताया गया है कि कानूनी मांग के जवाब में अकाउंट को रोक दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में हुई सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (उउर) की बैठक में, भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तब तक के लिए स्थगित करने का फैसला किया जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से त्याग नहीं देता। भारत ने अटारी चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद करने और सार्क वीजा छूट योजना (रश्एर) के तहत जारी किए गए किसी भी वीजा को रद्द करने का भी फैसला किया। पाकिस्तान को 48 घंटे के अंदर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया गया है और उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। सुरक्षा उपाय के तौर पर, भारत ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाने का फैसला किया है, इन पदों को रद्द माना जा रहा है। सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुला लिया जाएगा। उच्चायोगों की कुल संख्या मौजूदा 55 से घटाकर 30 कर दी जाएगी, ये कटौती 1 मई, 2025 से प्रभावी होगी।