यूपी में साइबर ठगी का खुलासा! मदरसे से जुड़े मौलाना समेत दो आरोपी गिरफ्तार

कानपुर पुलिस ने साइबर अपराध से जुड़े एक बड़े मामले का खुलासा किया है। शहर में डिजिटल ठगी के बढ़ते मामलों की जांच के दौरान पुलिस को एक ऐसे गैंग का सुराग मिला, जो दिल्ली से साइबर ठगी का जाल बिछाकर कानपुर तक अपना नेटवर्क फैला चुका था। इस गैंग के सदस्य आम लोगों से ठगी कर उनकी रकम अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करते थे और बाद में इन पैसों का इस्तेमाल मौजमस्ती में करते थे।
मदरसे के अकाउंट से जुड़े ठगी के तार
जांच के दौरान पुलिस को दिल्ली के ठग गैंग के एक कानपुर स्थित बैंक खाते की जानकारी मिली। हैरानी की बात यह थी कि यह खाता एक मदरसे का था। जांच में खुलासा हुआ कि यह मदरसा साइबर ठगों के लिए सुरक्षित ठिकाना बना हुआ था। ठगी के पैसे इस अकाउंट में जमा किए जाते थे और मामला ठंडा होने पर मौलाना इन पैसों से अपना कमीशन काटकर बाकी रकम ठगों को वापस कर देता था।
मौलाना समेत दो गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में मदरसे के मौलाना और उसके एक सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया है। डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि दिल्ली के इस साइबर गैंग ने ठगी की रकम कानपुर के यतीमखाना इलाके में संचालित मदरसे के अकाउंट में ट्रांसफर की थी। पुलिस को मदरसे के खाते में 32 लाख रुपये के लेनदेन का पता चला है। इससे पहले भी इस अकाउंट में 60 लाख रुपये ट्रांसफर किए जा चुके थे, जिनकी जानकारी जुटाई जा रही है।
साइबर ठग गैंग की तलाश जारी
पुलिस का कहना है कि यह साइबर ठग गैंग बहुत ही संगठित तरीके से काम करता था। मौलाना की भूमिका यह सुनिश्चित करना थी कि ठगी की रकम मदरसे के खाते में जमा हो और समय आने पर इसे ठगों तक पहुंचा दिया जाए। पुलिस अब इस गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और जांच को आगे बढ़ा रही है।
इस खुलासे से साफ है कि साइबर ठगी का जाल अब बड़े संगठनों और धार्मिक स्थलों तक भी फैल चुका है, जिससे न केवल आम लोग बल्कि समाज का विश्वास भी प्रभावित हो रहा है। पुलिस जल्द ही इस मामले में और भी गिरफ्तारियां कर सकती है।