2005 बैच के तेज-तर्रार आईपीएस अधिकारी जे0 रविंदर गौड़ ने संभाला चार्ज

वेलकम इंडिया
गाजियाबाद। गाजियाबाद की सड़कों पर अपराध और भ्रष्टाचार की धूल को साफ करने के लिए एक नया चेहरा सामने आया है। 2005 बैच के तेज- तर्रार आईपीएस अधिकारी जे0 रविंदर गौड़ ने गुरुवार को गाजियाबाद के दूसरे पुलिस कमिश्नर के रूप में चार्ज संभाला। आगरा से गाजियाबाद पहुंचे गौड़ ने आते ही साफ कर दिया कि उनकी प्राथमिकता है जनता की सुनवाई और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस। कमिश्नर गोड ने अपने पहले दिन ही पुलिस महकमे को हिलाकर रख दिया। उन्होंने ऐलान किया कि जिले के हर पुलिस आॅफिस थानों से लेकर डीसीपी और एसीपी कार्यालयों तक में सुबह 10 बजे से जनसुनवाई शुरू होगी। जनता पुलिस के पास अपनी फरियाद लेकर आती है, और उनकी बात सुनना हमारा पहला कर्तव्य है, गौड़ ने कहा उन्होंने जोर देकर कहा कि जनसुनवाई में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर कोई शिकायतकर्ता उपेक्षित हुआ, तो संबंधित अधिकारी पर तुरंत कार्रवाई होगी। कमिश्नर गौड़ ने भ्रष्टाचार को पुलिस व्यवस्था की सबसे बड़ी बीमारी करार दिया। उन्होंने सख्त लहजे में कहा, भ्रष्टाचार की शिकायत मिलते ही जांच नहीं, सीधे निलंबन होगा। चाहे वह थाना प्रभारी हो या कोई और यह ऐलान गाजियाबाद पुलिस के लिए एक चेतावनी है, जहां पिछले कुछ समय से भ्रष्टाचार की शिकायतें सुर्खियां बनती रही हैं। गोड का यह कड़ा रुख न केवल पुलिसकर्मियों के लिए, बल्कि आम जनता के लिए भी एक उम्मीद की किरण है। तेलंगाना के रहने वाले जे0 रविंदर गौड़ को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भरोसेमंद अधिकारी माना जाता है। गोरखपुर, मेरठ, लखनऊ, मुरादाबाद और आगरा जैसे महत्वपूर्ण शहरों में उनकी तैनाती रही है। आगरा में पुलिस कमिश्नर के तौर पर उनके कार्यकाल की खूब चर्चा हुई, जहां उन्होंने जगदीशपुरा कांड में निष्पक्ष जांच करवाकर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया।