मुकम्मल दीन पर अमल करें,अक्ल के घोड़े न दौड़ाएं: मौलाना

वेलकम इंडिया
संतकबीरनगर। ब्लॉक सेमरियावां के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व मौलाना अब्दुल वहाब की ग्राम पंचायत देवरिया नासिर में बुधवार की रात जलसा दस्तारबंदी एवं कुरान कुरान के महत्व पर मदरसा रहमानिया में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस अवसर पर मदरसे के दो छात्र हामिद रशीद पुत्र अबू नजर और मो सुहेल पुत्र इनामुल्लाह हाफिज ए कुरान बनने पर मुख्यातिथि मौलाना डाक्टर मो असजद नदवी ने दोनो बच्चों के सर पर पगड़ी बांधकर हाफिज ए कुरान की सनद दी साथ ही ढेर सारी दुआएं और आशीर्वाद दिए।पुरस्कार देकर हौसला बढ़ाया। जलसे में बड़ी संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए मौलाना डाक्टर मो असजद कासमी ने कहा कि वालदेन अपने बच्चों के लिए सब कुछ कुर्बान करने के लिए तैयार रहता है। बेवफाई के साथ रिश्ते बाकी नहीं रहते।बेवफाई को कबूल नहीं किया जाता है न ही अच्छी नजर से देखा जाता है। जो अच्छा लगा मान लिया जो अच्छा नहीं लगा छोड़ दिया। ऐसे लोग अपनी करतूत की सजा पायेंगे । उन्होंने कहा कि पूरी तरह शरियत का पालन करें।मुकम्मल दीन पर अमल करें। अक्ल के घोड़े न दौड़ाओ,दिल की सच्चाई के साथ अल्लाह उसके रसूल की बातों को मानें। शरियत पर सौ फीसद अमल करें।शादी , बारात, जहेज,लेनदेन, गलत रस्म रिवाज को छोड़ें। मामलात कारोबार, लेन देन सब काम हलाल पर हों।हलाल के साथ हराम को मिक्स न करें।वालदेन की हिस्सों में बेटियों को हिस्सा दें ।निकाह के मेहर की अदायगी जरूर करें।मुकदमा बाजी का कल्चर बढ़ता जा रहा है।मुकदमे मीराश में अपने बच्चों को देते जा रहे हैं, इससे बचें। अल्लाह के साथ सौ फीसद वफाई का रिश्ता हो। इस कार्यक्रम में मौलाना शफीक अहमद कासमी आजमगढ़ ने कुरान के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि सबसे अच्छा व्यक्ति वह है जो दूसरों को फायदा आराम पहुंचाए।कुरान सीखो और सिखाओ ये बहुत फायदेमंद है।ये बहुत बड़ी इबादत है। हाफिज सिराजुद्दीन ने नात पाक पेश किया। मदरसे के बच्चों ने भी विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन मौलाना मो अμफान ने किया। इस जलसे में दूर दराज से आए लोग शरीक हुए।प्रोग्राम में मौलाना मो मोबीन, मौलाना अब्दुल गμफार, मौलाना मो शाहिद कासमी ,मौलाना अब्दालूल हक,मौलाना खुर्शीद अहमद, कारी नसीरुद्दीन,मो सुलेमान चौधरी प्रधान प्रतिनिधि, जफीर अली करखी, ऐनुल्लाह, अब्दुर्रहमान, अबूहुरैरा, हिफजुर्रहमान,मौलाना रईस अहमद, अबरार अहमद,मुश्ताक अहमद, अब्दुल हई,मौजूद रहे।