अमित शाह का बड़ा एलान- पूर्वोत्तर के बिना भारत और भारत के बिना पूर्वोत्तर अधूरा

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह के अनुसार पूर्वोत्तर और भारत एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं। ‘यूनिटी उत्सव: वन वॉयस, वन नेशन ‘ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि 2027 तक पूर्वोत्तर भारत के सभी राज्य रेल और हवाई मार्ग से दिल्ली के साथ जुड़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में शांति की स्थापना के साथ ही सांस्कृतिक विकास भी हो रहा है। भारत की ही तरह पूर्वोत्तर के राज्यों में सांस्कृतिक और भाषायी विविधता का उदाहरण देते हुए अमित शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर में 220 से अधिक जातीय समूह और 160 से अधिक जनजातियां रहती हैं। यहां 200 से अधिक बोलियां और भाषाएं बोली जाती हैं और 50 से अधिक उत्सव मनाए जाते हैं। इसके साथ ही 30 से अधिक पारंपरिक नृत्य और 100 से अधिक व्यंजन अस्तित्व में हैं। उन्होंने कहा कि ये सब पूरे भारत के लिए बहुत बड़ी समृद्ध विरासत का खजाना है और पूरा देश इस पर गर्व करता है। शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर के बिना भारत और भारत के बिना पूर्वोत्तर अधूरा है। अमित शाह के अनुसार आजादी के बाद लंबे समय तक पूर्वोत्तर भारत की दिल्ली से फिजकल के साथ-साथ दिल की भी दूरी बड़ी थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में फिजिकल के साथ-साथ दिल की दूरी को समाप्त किया गया है। मोदी सरकार के दौरान हिंसा में 70 फीसद और मौतों में 85 फीसद की कमी पूर्वोत्तर भारत में शांति स्थापित होने का सबूत है। यही नहीं, पूर्वोत्तर के विकास के लिए बजट में भी तीन-चार गुना की बढ़ोतरी हुई है।