आध्यात्म

पति को महाकुंभ में ‘अघोरी’ के रूप में देखकर चौंक उठी पत्नी

वेलकम इंडिया

प्रयागराज। कुंभ के मेले में बिछड़े भाई-बहन वाली कहानी तो आपने बहुत सुनी होगी, लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि कुंभ के मेले में परिवार का खोया हुआ मुखिया मिला। ऐसी ही एक कहानी झारखंड से सामने आई है। झारखंड के एक परिवार की प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में 27 साल बाद खोए हुए सदस्य से मुलाकात हुई। परिवार का दावा है कि 1998 में यह शक्स लापता हुआ था। जो अब अघोरी साधु बन चुका है। परिवार ने बताया है कि 1998 में गंगासागर यादव पटना से लापता हुए थे। जिसके बाद उनकी कोई खबर नहीं मिल पाई थी। महाकुंभ 2025 में गंगासागर यादव को उनकी पत्नी धनवा देवी ने अघोरी साधु के भेष में पहचाना है। जिन्हें लोग बाबा राजकुमार के नाम से जानते हैं। बाबा राजकुमार की उम्र 65 साल है। गंगासागर यादव के लापता होने के बाद धनवा देवी ने अकेले ही अपने दो बेटों, कमलेश और विमलेश को पाला है। गंगासागर के छोटे भाई मुरली यादव ने बताया कि हमने भाई को खोजने की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन हाल ही में हमारे एक रिश्तेदार ने कुंभ मेले में एक साधु को देखा, जो गंगासागर जैसा दिखता था। उन्होंने उसकी तस्वीर खींचकर हमें भेजी। तस्वीर देखकर हम तुरंत धनवा देवी और उनके दोनों बेटों के साथ कुंभ मेले पहुंचे। लेकिन आपको बता दें कि परिवार के दावे को साधु ने पूरी तरह से नकार दिया है। बाबा राजकुमार ने खुद को वाराणसी का साधु बताया है। साथ ही कहा कि उनका गंगासागर से कोई संबंध नहीं है। वहीं बाबा राजकुमार के साथ मौजूद एक साध्वी ने भी इस बात का समर्थन किया। लेकिन परिवार ने बाबा राजकुमार के लंबे दांत, माथे पर चोट के निशान और घुटने पर मौजूद पुराने घाव को देखते हुए गंगासागर यादव होने का दावा किया है। परिवार ने कुंभ मेले की पुलिस से इस मामले में मदद मांगी है। साथ ही डीएनए टेस्ट कराने की मांग भी की है, ताकी व्यक्ति की असली पहचान हो सके। अघोरी बाबा के भाई मुरली यादव ने कहा है कि हम कुंभ मेले के खत्म होने तक इंतजार करेंगे. अगर जरूरत पड़ी तो डीएनए टेस्ट करवाकर सच्चाई सामने लाएंगे। अगर टेस्ट में हमारा दावा गलत साबित हुआ तो हम बाबा राजकुमार से माफी मांग लेंगे।

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