भारतीय किसान यूनियन प्रधान,अभिभावक संघ बिजनौर एवं विश्व दलित परिषद की एक संयुक्त बैठक संपन्न हुइ

वेलकम इंडिया
महमूद रजा भारतीय किसान यूनियन सामाजिक, भारतीय किसान यूनियन (प्रधान), अभिभावक संघ बिजनौर एवं विश्व दलित परिषद की एक संयुक्त बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में किसानों, छात्रों, अभिभावकों एवं आम जनता से संबंधित समस्याओं पर गंभीरतापूर्वक चर्चा की गई। बैठक के उपरांत जिलाधिकारी महोदया बिजनौर को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें जनहित के विभिन्न मुद्दों पर शीघ्र कार्रवाई की माँग की गई है।मुख्य माँगें व समस्याएं: 1. स्मार्ट मीटर पर रोक: देश की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था और महंगाई के दौर में स्मार्ट मीटरों का महंगा रिचार्ज आम जनता के लिए असहनीय है। अत: इनकी अनिवार्यता पर तत्काल रोक लगाई जाए। 2. प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी: सरकारी डॉक्टर निजी लाभ के लिए मरीजों को निजी अस्पतालों में रेफर कर रहे हैं, जिससे इलाज के नाम पर जनता की खुली लूट हो रही है।3. निजी स्कूलों की मनमानी: निजी स्कूल हर वर्ष पुस्तकें, यूनिफॉर्म एवं अन्य सामग्री बदलकर अभिभावकों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डाल रहे हैं। इस पर सख्त नियंत्रण आवश्यक है।4. अवैध पेड़ कटाई: निर्माण कार्यों के नाम पर छायादार और फलदार पेड़ों की अवैध कटाई से पर्यावरण असंतुलन उत्पन्न हो रहा है। इसकी तत्काल रोकथाम की जाए।5. गन्ना किसानों का शोषण: चीनी मिलें गन्ना किसानों को समय से भुगतान नहीं कर रही हैं, जिससे किसान कर्ज में डूब रहे हैं।6. पुलिस प्रशासन का पक्षपाती रवैया: कई बार किसानों और आम नागरिकों की शिकायतों की अनदेखी कर गलत पक्ष को समर्थन दिया जाता है, जो न्यायिक व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।7. खाद्य पदार्थों में मिलावट: दूध, तेल, मिठाई और सब्जिÞयों में जहरीले रसायनों व इंजेक्शन का प्रयोग लगातार बढ़ रहा है, जो जनस्वास्थ्य के लिए अत्यंत घातक है।8. राशन वितरण में भ्रष्टाचार: सरकारी योजनाओं के तहत तय मात्रा में राशन न देकर कोटेदार लोगों को धोखा दे रहे हैं।9. किसानों का कर्ज माफ किया जाए: जब उद्योगपतियों के करोड़ों रुपये के कर्ज माफ किए जा सकते हैं, तो अन्नदाता किसानों को यह राहत क्यों नहीं दी जा सकती?10. कोरोना काल की फीस वापसी: हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद निजी स्कूलों द्वारा कोरोना काल की वसूली गई अतिरिक्त फीस अभी तक वापस नहीं की गई है।यदि उपरोक्त समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो संयुक्त संगठन जनपद बिजनौर के अंतिम छोर से पदयात्रा प्रारंभ करेगा, जो एक विशाल जन आंदोलन का रूप लेगा।संयुक्त संगठन :भारतीय किसान यूनियन (सामाजिक) भारतीय किसान यूनियन (प्रधान) अभिभावक संघ, बिजनौर विश्व दलित परिषद।