
नई दिल्ली। योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में विपक्ष के रवैये पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जब पूरा विश्व प्रयागराज के महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता का साक्षी बन रहा है, तब विपक्ष सिर्फ आलोचना करने में व्यस्त है। 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश विधानसभा में इस शक्तिशाली संबोधन में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की शानदार सफलता का उत्साहपूर्वक बचाव किया। 63 करोड़ से अधिक भक्तों की अभूतपूर्व उपस्थिति पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने भारत की आध्यात्मिक विरासत और संगठनात्मक कौशल के प्रमाण के रूप में कार्यक्रम की भव्यता को रेखांकित किया। योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में विपक्ष के रवैये पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जब पूरा विश्व प्रयागराज के महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता का साक्षी बन रहा है, तब विपक्ष सिर्फ आलोचना करने में व्यस्त है। उन्होंने कहा कि यह कोई साधारण आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सनातन परंपरा, आस्था और संस्कृति का वह महोत्सव है, जिसने देश की प्रतिष्ठा को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए योगी ने कहा कि उन्होंने ने प्रयागराज को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आप प्रयागराज के बारे में दुष्प्रचार कर रहे थे… जैसा कि किसी ने ठीक ही कहा है, ‘जिसकी जैसी दृष्टि, वैसी उसकी सृष्टि’… वे प्रयागराज को बदनाम करने के तरीके ढूंढ रहे थे। कुछ लोग संसद में कह रहे थे कि महाकुंभ में हजारों लोगों की मौत हुई है लेकिन महाकुंभ के दौरान 28,000 लोगों को उनके परिवारों से मिलाया गया। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस केवल भारत को बदनाम करना चाहते हैं। उनकी लड़ाई भले ही बीजेपी के खिलाफ हो, लेकिन कभी-कभी बीजेपी के खिलाफ लड़ते- लड़ते वो भारत के खिलाफ हो जाते हैं। सीएम योगी ने कहा कि महान कार्यों के प्रति समाज का रवैया तीन चरणों से गुजरता है झ्र उपहास, विरोध और अंतत: स्वीकृति। यही हाल राम मंदिर निर्माण और महाकुंभ आयोजन के दौरान भी देखने को मिला। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं संगम में स्नान कर आए, और नेता प्रतिपक्ष ने खुद को पहले सनातनी बताया, बाद में समाजवादी।