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दरवाजा खुलते ही मची अफरा-तफरी: TTD अध्यक्ष ने बताया क्या हुआ ?

आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में बुधवार (8 जनवरी) को वैकुंठ एकादशी के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण दर्दनाक हादसा हो गया। बैकुंठ द्वार दर्शन के लिए टिकट वितरण केंद्र पर उमड़ी भीड़ में भगदड़ मचने से छह लोगों की जान चली गई, जबकि 40 से अधिक तीर्थयात्री घायल हो गए।

यह हादसा तब हुआ जब टोकन लेने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी थीं। भीड़ बढ़ने पर व्यवस्था बिगड़ गई, जिससे यह दुखद घटना घटी।

टीटीडी अध्यक्ष बीआर नायडू का बयान

इस घटना के संबंध में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के अध्यक्ष बीआर नायडू ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “यह बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इस हादसे के पीछे कुछ अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर नाराजगी जाहिर की है और अधिकारियों को व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “यह हादसा उस वक्त हुआ, जब कतार में खड़ी एक महिला की तबीयत अचानक खराब हो गई। महिला को अस्पताल ले जाने के लिए दरवाजा खोला गया, जिससे वहां भगदड़ मच गई। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।”

पीएम मोदी और सीएम चंद्रबाबू नायडू ने जताया शोक

इस दर्दनाक हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया, “तिरुपति में भगदड़ से बहुत दुखी हूं। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल श्रद्धालु जल्द स्वस्थ हों।”

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “तिरुपति में वैकुंठ एकादशी के दौरान हुई भगदड़ की घटना से मैं बेहद स्तब्ध और दुखी हूं। यह घटना सभी के लिए एक चेतावनी है कि त्योहारों के दौरान ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए जिससे भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके।”

भविष्य के लिए जरूरी कदम

टीटीडी प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इस घटना की गहन जांच की जाएगी और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहतर प्रबंधन और सावधानीपूर्वक योजना बनाई जाएगी।

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