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इसी साल नक्सलवाद की समस्या से मुक्त हो जाएगा देश- गृह मंत्री अमित शाह

नई दिल्ली। लगभग पांच दशक पुरानी नक्सलवाद की समस्या से भारत इसी साल मुक्त हो जाएगा। पहले गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक इसे पूरी तरह खत्म करने का ऐलान किया था। लेकिन बीजापुर और कांकेर में मुठभेड़ में 30 नक्सलियों के मारे के बाद शाह ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट कर तय समय से पहले भारत को नक्सलमुक्त होने का दावा किया है। माना जा रहा है कि मोदी सरकार 26 जनवरी 2026 को देश के नक्सलमुक्त होने की घोषणा कर सकती है। ध्यान देने की बात है कि 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नक्सलवाद को आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताया था। बीजापुर और कांकेर के मुठभेड़ में 30 नक्सलियों के मारे जाने को नक्सलमु्क्त भारत अभियान की दिशा में बड़ी सफलता बताते हुए अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में निर्ममता की नीति (रूथलेस एप्रोच) अपना रही है। उनके अनुसार नक्सलियों के आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल होने के लिए कई सुविधाएं दी जा रही हैं, लेकिन इसके बावजूद जो नक्सली आत्मसमर्पण नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति से कार्रवाई की जा रही है। अगले साल 31 मार्च से पहले ही भारत नक्सलमुक्त होने वाला है। ध्यान देने की बात है कि छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय की नई सरकार बनने के बाद 21 जनवरी 2024 को अमित शाह ने केंद्र और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने की रणनीति पर मुहर लगाई थी। उस समय अगले तीन साल में नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन छह महीने में इस रणनीति से मिल रही सफलता और बड़ी संख्या में नक्सलियों के मारे जाने, गिरμतार होने और आत्मसमर्पण करने को देखते हुए शाह ने अगस्त में रायपुर में 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने की समय सीमा का ऐलान किया था। शाह की इस रणनीति का परिणाम रहा कि 2024 में सबसे अधिक 290 नक्सली मारे गए, 1090 को गिरμतार किया गया और 881 ने आत्मसमर्पण किया। इस साल तीन महीने से कम समय में ही 90 से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं।

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