ममता सरकार का कड़ा विरोध: यूजीसी ड्राफ्ट नियम पर तीखी प्रतिक्रिया, केंद्र सरकार पर लगाए ये आरोप

कोलकाता। बंगाल विधानसभा में बजट सत्र के प्रथम चरण के अंतिम दिन गुरुवार को शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) के विनियम 2025 के जारी ड्राμट को वापस लेने की मांग को लेकर एक प्रस्ताव लाया जिसे विपक्ष की अनुपस्थिति में पारित कर दिया गया। इस यूजीसी के एक ड्राμट रेगुलेशन को शिक्षा मंत्री बसु ने संघीय ढांचा के लिए कुठाराघात करार दिया। उन्होंने नियम 169 के तहत लाए गए प्रस्ताव पर अपने पार्टी के दो विधायकों द्वारा अपनी बात रखने के बाद सदन में कहा कि इस ड्राμट रेगुलेशन को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गंभीर चिंता जताई है। सिर्फ बंगाल ही नहीं गैरभाजपा शासित छह राज्यों ने इसका विरोध किया है। बसु ने कहा कि केंद्र सरकार पिछले दरवाजे से उच्च शिक्षा पर कब्जा करने की कोशिश में हैं जिसे बंगाल स्वीकार नहीं करेगा। बताते चलें कि छह जनवरी को यह ड्राμट रेगुलेशन जारी कर सभी राज्यों से इस पर राय मांगी गई है। जारी ड्राμट गाइडलाइन के अनुसार 70 साल की उम्र तक यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर बन सकेंगे। वहीं विश्वविद्यालयों में कुलपति बनने के लिए अब अकादमिक क्षेत्र का होना अनिवार्य नहीं होगा। नए नियमों के तहत इंडस्ट्री, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, पब्लिक पालिसी, पब्लिक सेक्टर, पीएसयू आदि सेक्टर के विषय विशेषज्ञ भी कुलपति बन सकेंगे। पहले कुलपति बनने के लिए अकादमिक योग्यता में पढ़ाने अनुभव अनिवार्य मानक था।