नए अनुज्ञापियों को मिली सख्त चेतावनी, नियमों की दी गई जानकारी

वेलकम इंडिया
गाजियाबाद। जिले में नई आबकारी नीति लागू होने के साथ ही शराब की दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब आबकारी विभाग ने इन दुकानों के सुचारू संचालन के लिए कमर कस ली है। विभागीय अधिकारियों की दिन-रात की मेहनत और सख्त नियमों के चलते इस बार सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। नए अनुज्ञापियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि अगर संचालन में कोई गड़बड़ी या अनियमितता पाई गई तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार को एडीएम एलए की अध्यक्षता में जिला आबकारी कार्यालय में विभागीय अधिकारियों और नए अनुज्ञापियों के बीच अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिला अधिकारी संजय कुमार प्रथम ने नए अनुज्ञापियों का स्वागत किया और उन्हें शराब की दुकानों के संचालन से जुड़े आवश्यक नियम-कानूनों की जानकारी दी। 1 अप्रैल से जिले में नई शराब की दुकानें शुरू होने जा रही हैं, जिसमें कई नए अनुज्ञापी शामिल हैं, जिन्हें इस व्यवसाय के नियमों की पूरी जानकारी नहीं है। ऐसे में आबकारी विभाग ने जिम्मेदारी उठाते हुए उन्हें पूरी प्रक्रिया समझाई। आबकारी विभाग की टीम यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही कि हर दुकान तय नियमों के अनुसार संचालित हो। जिले के आबकारी निरीक्षक मनोज शर्मा, अखिलेश बिहारी वर्मा, त्रिवेणी मौर्य, डॉ राकेश त्रिपाठी, अखिलेश कुमार और अनुज वर्मा प्रतिदिन अपनी टीम के साथ गर्मी और तपती धूप की परवाह किए बिना नए अनुज्ञापियों को उन स्थानों का निरीक्षण करा रहे हैं, जहां उनकी दुकानें स्थापित होनी हैं। प्रशासन का यह प्रयास है कि दुकानों के संचालन में किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो और न ही स्थानीय जनता को कोई परेशानी हो। सभी दुकानों पर 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे चालू रहेंगे। शराब की बिक्री के लिए पॉश मशीन का अनिवार्य उपयोग करना होगा। दुकानों पर रेट कार्ड चस्पा करना अनिवार्य होगा ताकि ग्राहकों से अधिक कीमत न वसूली जाए। अगर किसी दुकान पर बाहरी राज्यों की शराब पाई गई तो संबंधित अनुज्ञापी का लाइसेंस तत्काल निरस्त कर दिया जाएगा। आबकारी विभाग की सख्ती और नियमों के कड़े पालन का ही परिणाम है कि जिले से सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। विभाग की टीम पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता से काम कर रही है, ताकि सरकार को अधिकतम लाभ मिले और शराब व्यापार में पारदर्शिता बनी रहे।