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जिलाधिकारी ने की लम्बित मुकदमों की समीक्षा

मनोज शर्मा/वेलकम इंडिया

मथुरा। जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने कलेक्ट्रेट में जिले के विभिन्न राजस्व न्यायालयों में योजित/लम्बित राजस्व वादों और निर्विवाद वरासत, पैमाइश नामांतरण, आपसी बंटवारा एवं भूमि विवादों से सम्बन्धित लंबित वादों की विगत दिवस में कलेक्ट्रेट सभागार में गहन समीक्षा की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने राजस्व न्यायालयों में लंबित वादों के त्वरित एवं गुणवत्तायुक्त निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने एसडीएम को वादों के निस्तारण के लिए नियमित अदालत लगाने के निर्देश दिए। एसडीएम अपने अधीनस्थ न्यायालयो का स्वयं रिव्यू करें। जनपदीय राजस्व न्यायालयों द्वारा तहसील स्तर से मांगी गई रिपोर्ट को समय से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। डीएम ने न्यायालय में लम्बित मुकदमों की समीक्षा करते हुये समस्त एसडीएम, तहसीलदार व नायब तहसीलदार को निर्देशित किया कि वादों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर कराना सुनिश्चित करें। राजस्व वादों का निस्तारण शासन की प्राथमिकता है इसलिये सम्बन्धित अधिकारीगण अपने दायित्वों का शत् प्रतिशत निर्वहन करें। सभी निदेर्शों का गंभीरतापूर्वक सजग एवं सचेत होकर कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। सभी उप जिलाधिकारी, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार को ये जानकारी होनी चाहिए कि संबंधित न्यायालय में कितने वाद हैं और कितने समयावधि लंबित हैं। सभी जिला स्तरीय अधिकारी आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त संदर्भों को डिफाल्ट होने की तिथि से तीन दिवस पूर्व अवश्य निर्धारित कर पोर्टल पर अपलोड करें। शिकायतों के निस्तारण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान दिया जाए। शिकायतकर्ता से वार्ता कर उनसे समाधान एवं संतुष्टि की जानकारी लें। सभी अधिकारी नियमित तौर पर पोर्टल पर संदर्भों को प्राप्त होते ही निस्तारित करने की दिशा में कार्य करें। समीक्षा के दौरान उपस्थित सभी विभागीय अधिकारी को निर्देशित किया कि उनके विभाग से संबंधित योजनाओं एवं निर्माण कार्यों में लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति पर विशेष ध्यान दें, जिससे सीएम डैशबोर्ड पर जिले की रैंकिंग अच्छी रहे। सीएम डैशबोर्ड के आधार पर कर-करेत्तर की समीक्षा के दौरान आबकारी, व्यापार कर, स्टाम्प शुल्क, विद्युत देयों की वसूली, नगर निकायों में राजस्व संग्रह की स्थिति, खनन, मण्डी समिति, बांट माप, खाद्य एवं सुरक्षा सहित अन्य राजस्व संग्रह से सम्बन्धित विभागों द्वारा लक्ष्य के सापेक्ष राजस्व देयों की वसूली की विस्तृत समीक्षा की गई।

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