शाह ने कहा- मदद के लिए मोदी सरकार चट्टान की तरह खड़ी

पूर्वोत्तर में बारिश से हालात बदतर
नई दिल्ली। पूर्वोत्तर में बारिश और भूस्खलने के कारण हर ओर प्रकृति का कहर दिख रहा है।असम में बाढ़ से 78,000 लोग प्रभावित हुए हैं। सिक्किम में 1500 से अधिक सैलानी फंस गए हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी वहां के हालात पर नजर बनाए हुए हैं। इसी क्रम में उन्होंने आज पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के सीएम और मणिपुर के राज्यपाल से बात कर हालात की जानकारी ली। पूर्वोत्तर भारत में बारिश से हाल बेहाल है। यहां चरम मौसमी स्थितियों से उपजे हालातों में 14 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। जहां बाढ़ के कारण असम में ही करीब 78 हजार लोग प्रभावित हुए हैं वहीं, अरुणाचल प्रदेश, असम और मिजोरम में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर के चार राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों और मणिपुर के राज्यपाल से बात कर हालात की जानकारी ली है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर बताया है कि असम, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों और मणिपुर के राज्यपाल से उनके राज्यों में जारी भारी बारिश के मद्देनजर बात की। साथ ही उन्हें किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पूर्वोत्तर के लोगों के समर्थन में चट्टान की तरह खड़ी है। वहीं, पिछले दो दिनों में अरुणाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश के कारण हुए भूस्खलन में नौ लोगों की मौत हो गई है। इसी तरह सिक्किम में भी लगातार हो रही बारिश से हालत खराब हैं। यहां भूस्खलन के कारण शनिवार को उत्तरी सिक्किम के विभिन्न हिस्सों में लगभग 1,500 पर्यटक फंस गए। सिक्किम के मंगन जिले में गुरुवार रात को एक वाहन के तीस्ता नदी में गिर जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, दो घायल हो गए और आठ अन्य लापता हो गए। वाहन में 11 पर्यटक सवार थे। पिछले दो दिनों से लगातार बारिश के कारण त्रिपुरा में भी हाल बेहाल हैं। राज्य में भारी बारिश के कारण लगभग 1300 परिवारों ने पश्चिमी त्रिपुरा जिले में सरकारी राहत शिविरों में शरण ली है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने रविवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण पश्चिमी त्रिपुरा जिले के विभिन्न हिस्सों में भयंकर बाढ़ आ गई है। इसके कारण लगभग 1300 परिवारों को सुरक्षा के लिए सरकारी आश्रय गृहों में स्थानांतरित कर दिया गया है।