
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव हों या विधानसभा के। राजनीतिक दलों की ओर से मतदाता सूची से नाम काटने एवं जोड़ने को लेकर हाल में जिस तरह से आरोपों की बाढ़ आई है उससे निपटने के लिए चुनाव आयोग मुस्तैदी से जुट गया है। जो अहम कदम उठाने के संकेत मिले हैं, उनमें मतदाता सूची को अनिवार्य रूप से मोबाइल और ईमेल से जोड़ने की तैयारी है। ताकि मतदाता सूची से नाम कटने या जुड़ने पर मतदाताओं को तुरंत ही इसकी जानकारी मुहैया कराई जा सके। देश भर में इसे लेकर व्यापक अभियान चलाने की तैयारी है। मतदाता सूची में अभी किसी का नाम कटने पर उसे नोटिस भेजकर जानकारी देने की व्यवस्था है, लेकिन अधिकतर मामलों में उस पते पर व्यक्ति के न मिलने से वह नोटिस पहुंचता ही नहीं है। या बूथ लेवल आॅफिसर (बीएलओ) इस पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर चुप बैठ जाता है। आयोग से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो मोबाइल और ईमेल के अपडेट होने से मतदाता सूची से नाम कटने से जुड़ी जानकारी न मिलने जैसी सारी समस्या खत्म हो जाएगी। आयोग की ओर से नाम सूची से हटाने या जोड़ने के साथ ही मोबाइल पर तुरंत संदेश पहुंच जाएगा। खास बात यह है कि इनमें जिस वजह से नाम मतदाता सूची से हटाया गया उसकी भी जानकारी मिल जाएगी। ऐसे में यदि मतदाता इससे संतुष्ट नहीं है तो वह तुरंत उच्च स्तर पर उसे चुनौती भी दे सकेगा।