आध्यात्म
महाकुंभ सिर्फ समुद्र मंथन का परिणाम नहीं, यह मानवता का सबसे बड़ा महोत्सव

प्रयागराज। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष चिदानंद मुनि देश-दुनिया से आए अपने अनुयायियों, सितारों, संतों, कथा मर्मज्ञों के समागम को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं। वह समुद्र मंथन के परिणाम के रूप में सामने आए कुंभ के जरिये अभिसिंचित और पोषित होती विश्व संस्कृति के विविध पक्षों को किस रूप में देखते हैं। प्रस्तुत हैं उनसे बातचीत के अंश…। विपरीत विचारों, मतों, पंथों को एक तट पर मिलाने की असीम ताकत रखने वाले संगम तट पर विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम के रूप में महाकुंभ की शोभा का वर्णन हर कोई अपनेअपने भावों में कर रहा है। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष चिदानंद मुनि देश-दुनिया से आए अपने अनुयायियों, सितारों, संतों, कथा मर्मज्ञों के समागम को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं।