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2013 से माफिया खा रहे थे वक्फ संपत्ति की मलाइ

नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान भी सत्ता पक्ष और विपक्ष अपना-अपना मोर्चा संभाले रहे। भाजपा के वक्ताओं ने न सिर्फ विधेयक के कानूनी पहलुओं को समझाने का प्रयास किया, बल्कि विपक्ष को भी जमकर आड़े हाथों लिया। राज्यसभा में नेता और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरोप लगाया कि 2013 से 2025 तक वक्फ संपत्ति का जमकर दुरुपयोग हुआ, माफिया ने मलाई खाई। कांग्रेस पर तंज कसा कि उसे मलाईखोरों से दूर रहना चाहिए, हालांकि आदतन यह मुश्किल है। वहीं, सांसद डा. राधा मोहन दास अग्रवाल ने तीखे तेवर दिखाते हुए आरोप लगाया कि फिल्मी गुंडों की तरह वक्फ के नाम पर संपत्तियों को हड़पा गया। सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा कि हम हिंदू हैं, हमने लगातार अपने समाज की बुराइयों के विरुद्ध संघर्ष किया है। इतिहास गवाह है कि हमारे यहां सती प्रथा, बाल विवाह जैसी कुरीतियां थीं, उन्हें अधिनियम लाकर खत्म किया। आश्चर्य होता है कि गरीब मुसलमान की बेहतरी के लिए 75 साल में एक भी सुधार आंदोलन को सदन में नहीं लाया गया “जैसे फिल्मों में गुंडे होते थे, उसी तरह भू माफिया ने काम किया। जिस जमीन पर हाथ रख दिया, वह वक्फ की हो गई। जदएस से पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने कांग्रेस को आईना दिखाते हुए प्रश्न पूछा कि 40 वर्ष तक साथ देने के बाद मुस्लिमों ने कांग्रेस का साथ क्यों छोड़ दिया?” सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल इसी तरह एनसीपी सांसद प्रफुल्ल पटेल ने भी कांग्रेस और शिवसेना उद्धव गुट को आड़े हाथों लिया। पाकिस्तान का नाम लिए बिना बोले कि मजहब के नाम पर बने मुल्क की हालत क्या हो गई। आज सेक्युलर भारत तो विश्व की पांचवीं अर्थव्यवस्था बन गया। तीसरे नंबर पर लाने के लिए सबको आगे बढ़ाना होगा। शिवसेना उद्धव गुट की ओर इशारा करते हुए बोले कि अभी जो वक्ता बोलकर गए, उनके नेता कहते थे कि बाबरी मस्जिद यदि किसी ने गिराई है तो मेरे शिवसैनिकों ने गिराई है। मुंबई में बड़े मुस्लिम दंगे और नरसंहार किसने किए, किसने कराए? फिर कांग्रेस व अन्य विपक्षियों की ओर मुखातिब होते हुए प्रफुल्ल पटेल ने चुटकी ली- यह आप लोगों को सोचना चाहिए कि आज किसके साथ बैठे हैं। सत्ता लेने के लिए आपने भी उनके साथ हाथ मिला लिया। तब आपको भारत का संविधान, भारत के मुसलमानों का विचार नहीं आया।

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