राष्ट्रीय पुस्तक मेले में गीतकार समीर अंजान ने गीतों एवं साहित्य का अनुभव किया साझा

वेलकम इंडिया
झाँसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय पुस्तक मेले का भव्य आयोजन किया गया। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम एक शाम समीर अंजान के नाम में 4000 से अधिक गीतों को लिखने वाले प्रख्यात गीतकार समीर अंजान का सम्मान बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति, समाजसेवी डॉ० संदीप सरावगी एवं अन्य अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम में समीर अंजन की पुस्तक “लμजों के साथ एक सफरनामा” का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में समीर अंजान ने अपने जीवन वृतांत का विवरण देते हुए बताया कि हर सफल आदमी की सफलता के पीछे उसका संघर्ष छिपा होता है। अमिताभ बच्चन से लेकर अंबानी तक सभी ने अपने जीवन में संघर्ष किया है। बिना संघर्ष के जो हमें हासिल होता है वह क्षणिक होता है कार्यक्रम में प्रसिद्ध साहित्यकार विवेक मिश्रा ने युवाओं को लिखने के महत्व के बारे में समझाया उन्होंने कहा अपने अंदर की भावनाओं को लेखनी में प्रस्तुत करना ही एक साहित्यकार का मुख्य कार्य होता है हमारे अंदर विचार तो कई आते हैं लेकिन उन्हें शब्दों में पिरोना ही असली कला है। संबोधन के क्रम में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान के अध्यक्ष हरगोविंद कुशवाहा ने कहा लेखक बनना आसान कार्य नहीं है इसके लिए कठिन तपस्या करनी पड़ती है आज तक विश्व भर में जितना भी साहित्य लिखा गया उसमें रामचरितमानस सर्वश्रेष्ठ है जो आदिकाल से भविष्य तक जीवन जीने की कला को दशार्ता है। अगले क्रम में समाजसेवी डॉक्टर संदीप ने कहा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय शिक्षा का अभेद दुर्ग है वर्तमान कुलपति मुकेश पांडे के नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने नये आयामों को छुआ है विश्वविद्यालय से पढ़कर कई छात्र छात्राएं आज महत्वपूर्ण पदों पर एवं राजनीति के क्षेत्र में भी जनपद का नाम रोशन कर रहे हैं। उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए एक उत्कृष्ट मार्गदर्शक का होना भी आवश्यक है मार्गदर्शक के रूप में कुलपति जी ने एक कुशल सारथी की भूमिका निभाई है जिन्होंने शिक्षा रथ पर सवार होकर छात्र-छात्राओं को सही रास्ता दिखाया है। कार्यक्रम में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी सुंदर प्रस्तुतीकरण किया गया कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों एवं आगंतुकों द्वारा करतल ध्वनि के साथ उत्साह वर्धन भी किया गया। कार्यक्रम में अलग-अलग सत्रों का संचालन क्रमश: प्रो० अचला पाण्डेय, रिचा सेंगर व डॉ० विपिन प्रसाद द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से हिंदी विभाग अध्यक्ष मुन्ना तिवारी, कुल सचिव विनय कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक राज बहादुर, डॉ० शैलेंद्र तिवारी, डॉ० श्रीहरि त्रिपाठी, नवीन चंद्र पटेल, डॉ० प्रेमलता श्रीवास्तव, डॉ० द्यूती मालिनी, डॉ० आशीष दीक्षित, डॉ० सत्येंद्र चौधरी, डॉ० सुनीता वर्मा, डॉ० आशुतोष शर्मा, डॉ० राघवेंद्र आदि उपस्थित रहे।