देश-दुनिया

भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत प्रतीक…

महाकुंभनगर। सनातन संस्कृति के सबसे बड़े समागम महाकुंभ में उमड़ रही आस्था और श्रद्धा के महासागर से सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भी साक्षात्कार हुआ। भारत की प्रथम नागरिक और पहली आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गंगा, यमुना और आध्यात्मिक सरस्वती की पवित्र त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाकर पूरी दुनिया को एकता और सामाजिक समरसता का संदेश दिया। उन्होंने एक्स पर लिखा, मां गंगा सब पर अपनी कृपा बनाए रखें। श्रद्धा और विश्वास का यह विशाल समागम भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत और जीवंत प्रतीक है। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी राष्ट्रपति के साथ थे। राष्ट्रपति पूर्व निर्धारित समय सुबह 9.50 बजे से लगभग आधा घंटे पहले 9.15 बजे ही प्रयागराज एयरपोर्ट पहुंचीं। उनके साथ 50 स्वजन और रिश्तेदार थे। संगम में उतरने से पहले राष्ट्रपति ने सबसे पहले पूर्ण आस्था के साथ जल को स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। फिर स्नान कर पवित्र जल में फूल माला और नारियल अर्पित कर समस्त राष्ट्र की समृद्धि और शांति की कामना की। इसके बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य निवेदित किया। पूरी श्रद्धा के साथ संगम में एक के बाद एक कई डुबकियां लगाईं और पूरे विधि विधान से पूजन अर्चन किया। वैदिक मंत्रों और श्लोकों के बीच संगम त्रिवेणी का दुग्धाभिषेक किया। उन्होंने अक्षत, नैवेद्य, पुष्प, फल और लाल चुनरी अर्पित की तत्पश्चात आरती उतारी। तीर्थ पुरोहित ने उन्हें कलावा बांधा। इससे पहले बमरौली एयरपोर्ट पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उनका स्वागत व अभिनंदन किया।

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