जीडीए की 167 वी बोर्ड बैठक में 14 प्रस्तावों में 12 पर मोहर, आठ के बजाय 15 जोनों में बटेगा क्षेत्र

वेलकम इंडिया
गाजियाबाद । मंडलायुक्त एवं जीडीए अध्यक्ष डॉ. ऋषिकेश भास्कर यशोद की अध्यक्षता में प्राधिकरण की बोर्ड बैठक मेरठ में आयोजित हुई, जिसमें 14 प्रस्तावों में 12 को मंजूरी के साथ ही बाकी दो प्रस्ताव संशोधन के साथ आगामी बोर्ड बैठक में शामिल करने का निर्णय लिया गया। प्रमुख प्रस्तावों में प्राधिकरण क्षेत्र को 15 जोन में बांटने, पेट्रोल पंप छोटे भूखंड में खोलने और वैशाली के भूखंड आवंटियों को नोटिस जारी कर तीन माह में पैसा वसूलने के साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव स्वीकृत किए गए। बोर्ड बैठक में नए मास्टर प्लान 2031 के तहत रखे गए प्रस्ताव के अनुसार प्राधिकरण क्षेत्र को मौजूदा आठ जोन के स्थान पर 15 जोन में विभाजित करने की स्वीकृति प्रदान की गई। इसके लिए क्षेत्र का सर्वे करने व ई टेंडर के माध्यम से सलाहकार नियुक्त करने के प्रस्ताव को बोर्ड ने स्वीकृति प्रदान की है। उच्च एवं उच्चतम न्यायालय द्वारा वैशाली योजना के लिए जीडीए द्वारा राजस्व ग्राम मकनपुर की अर्जित भूमि का प्रतिकर वृद्धि के लिए देयता की वसूली आवंटियों से किए जाने का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा गया, जिसे स्वीकृत कर लिया गया। अब वैशाली के भूखंड आवंटियों को नोटिस जारी किए जाएंगे, जिसके बाद उनसे 2,400 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से करीब 200 करोड़ रुपये की वसूली होगी। इसके लिए जीडीए योजना के भूखंड और μलैट आदि का सर्वे कर आवंटियों को नोटिस जारी करेगा। नोटिस के बाद तीन माह में रकम जमा न करने पर उन्हें डिफाल्टर घोषित कर आरसी जारी की जाएगी। प्रस्ताव पर मुहर के बाद वैशाली के आवंटियों पर आर्थिक भार पड़ेगा। भविष्य में बनने वाली बहुमंजिला इमारतों के ढांचे का प्रत्येक तीन साल में बिल्डर और हैंडओवर होने के बाद एओए आडिट कराएंगे। इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल सकी। क्रेडाई सदस्यों से बातचीत के बाद इसे आगामी बोर्ड बैठक में शामिल किया जाएगा। जीडीए ने कौशांबी योजना में एक भूखंड बिल्डर को आवंटित करने बाद कब्जा देने में देरी हुई। पूरा मामला कोर्ट में गया, जिसमें स्टे भी रहा।