दुर्गावती देवी सभागार में भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद की बैठक, 33 आवेदनों का निस्तारण, सील हुए आरओ प्लांट

वेलकम इंडिया
गाजियाबाद। जिले में भूजल दोहन की बढ़ती घटनाओं पर नियंत्रण और इसकी सुचारू निगरानी के उद्देश्य से दुर्गावती देवी सभागार, विकास भवन में गुरुवार को बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल ने की। बैठक उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबंधन और विनियमन) अधिनियम के अंतर्गत जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद के बैनर तले आयोजित की गई थी, जिसका प्रमुख उद्देश्य घरेलू और कृषि उपयोग के लिए कूप पंजीकरण, अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) तथा उनके नवीनीकरण से संबंधित 33 आवेदनों के निस्तारण पर चर्चा करना था। सभी आवेदनों को राज्य सरकार के निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से प्राप्त किया गया था। बैठक में कई विभागों के अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हुए जिनमें नोडल अधिकारी सृष्टि जायसवाल, अधिशासी अभियंता प्रमोद कुमार शर्मा, सहायक उपायुक्त रतिका गुप्ता, सहायक अभियंता एन.के. पांडे, अश कुमार, सी.पी. सिंह रावल, रामदत्त, क्षेत्रीय अधिकारी संजय कुमार, सहायक जिला उद्यान अधिकारी ओमदत्त शर्मा, एरिया मैनेजर विकास यादव, कृषि अधिकारी अमित कुमार तथा जल विशेषज्ञ (हाइड्रोलॉजिस्ट) अंकिन्ता राय प्रमुख रूप से उपस्थित थे। बैठक में तीन मुख्य मुद्दों पर चर्चा की गई। सबसे पहले, घरेलू और कृषि उपयोग के लिए नए कूपों के पंजीकरण, एनओसी प्राप्त करने तथा पहले से जारी एनओसी के नवीनीकरण हेतु प्राप्त आवेदनों का गहन परीक्षण किया गया। कुल 33 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें कूप पंजीकरण के लिए 7 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 5 को स्वीकृति प्रदान की गई। वहीं, कूप के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने हेतु प्राप्त 6 आवेदनों में से केवल 2 को स्वीकृत किया गया, जबकि एनओसी के नवीनीकरण हेतु 20 आवेदन प्राप्त हुए थे जिन्हें तय मानकों की पात्रता सिद्ध करने के बाद राज्य प्राधिकरण, लखनऊ को आॅनलाइन अग्रसारित करने के निर्देश प्राप्त हुए। दूसरे अहम बिंदु के तहत अवैध रूप से संचालित आरओ प्लांट और कार धुलाई केंद्रों से हो रहे अवैध भूजल दोहन की शिकायतों पर संज्ञान लिया गया। पूर्व में दिए गए निदेर्शों के तहत 30 दिन की समयसीमा में स्वेच्छा से बोरवेल कनेक्शन बंद कर शपथपत्र जमा न करने वाले प्लांट संचालकों पर सख्त कार्रवाई की गई। कुल 6 प्लांट संचालकों को नोटिस जारी किए गए थे, जिनमें से 3 ने शपथपत्र देकर संचालन बंद करने की सूचना दी, जबकि शेष 3 आरओ प्लांट सील कर दिए गए और उन पर दो-दो लाख रुपये का जुमार्ना भी अधिरोपित किया गया। बैठक के तीसरे और अंतिम विषय के तहत, पिछली बैठक में उठाई गई शिकायतों के आलोक में 61 हाउसिंग सोसाइटियों द्वारा अवैध रूप से भूजल दोहन करने के मामलों की समीक्षा की गई।