अवैध शराब के कारोबार पर आबकारी विभाग ने कसी नकेल, ओवर रेटिंग और अवैध बिक्री पर टूट पड़ा कहर

वेलकम इंडिया
गाजियाबाद।जनपद में आबकारी विभाग ने शराब माफिया और मनमानी करने वाले लाइसेंसी विक्रेताओं के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ दिया है। अवैध शराब के खिलाफ पहले ही निर्णायक जंग छेडे के बाद अब विभाग ने उन दुकानदारों पर शिकंजा कस दिया है जो लाइसेंस के नाम पर ग्राहकों को लूट रहे थे। ओवर रेटिंग, नकली बिलिंग और गैरकानूनी स्टॉक जैसे मामलों में आबकारी विभाग का डंडा बुरी तरह बरस रहा है। विभाग की सक्रियता और योजनाबद्ध कार्रवाई से जिले के शराब व्यापारियों में हड़कंप मच गया है और पहली बार ऐसा लग रहा है कि सरकारी एजेंसी वास्तव में अपने दायित्व को पूरी गंभीरता से निभा रही है। दोपहर की जांच से लेकर रात के छापों तक, आबकारी विभाग ने एक सधे हुए अभियान की रणनीति बनाई है। जिले की कई प्रमुख शराब की दुकानों पर न केवल औचक निरीक्षण किया गया, बल्कि गुप्त रूप से टेस्ट परचेजिंग कराकर यह परखा गया कि ग्राहकों से शराब की असल कीमत वसूली जा रही है या नहीं। इस प्रक्रिया में जो दुकानें दोषी पाई गईं, उनके खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई की गई। एक महीने के भीतर ही पांच दुकानों को ओवर रेटिंग का दोषी पाते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस थमा दिया गया और साथ ही कुल 75 हजार रुपये का जुमार्ना लगाया गया। एक अन्य दुकान पर जब अन्य दुकान का माल मिला तो उस पर भी 25 हजार रुपये का दंड ठोका गया। जिन दुकानों को दोषी पाया गया, उनमें विजय नगर, सिद्धार्थ विहार, शिवपुरी और कृष्णा नगर क्षेत्र की दुकानें प्रमुख हैं। इन दुकानों के खिलाफ विभाग की जांच में सामने आया कि वे निर्धारित मूल्य से अधिक पर शराब बेच रहे थे और कुछ मामलों में स्टॉक का मिलान भी नहीं बैठा। खास बात यह रही कि इन कार्यवाहियों में किसी भी तरह की ढील नहीं बरती गई और नियमों का उल्लंघन करने वालों को कड़ी चेतावनी भी दी गई है कि अगली बार सिर्फ जुमार्ना नहीं, बल्कि लाइसेंस रद्द कर दुकानें सील कर दी जाएंगी। सिर्फ शराब दुकानों तक सीमित न रहते हुए विभाग ने अब होटल, बार और रेस्टोरेंट पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। कई प्रतिष्ठान बिना लाइसेंस के खुलेआम शराब परोसते पाए गए हैं। ऐसे सभी स्थानों पर आबकारी विभाग की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं और समयसमय पर छापेमारी कर दस्तावेजों की जांच कर रही हैं। जिले में शराब की बिक्री को लेकर कभी न देखी गई ऐसी मुहिम ने जहां प्रशासन की साख को मजबूत किया है।