राजनीति

वक्फ विधेयक पर संसद ने बनाया नया कीर्तिमान, टूट गया 44 साल पुराना रिकॉड

नई दिल्ली। बजट सत्र के अंतिम दिन पक्ष-विपक्ष में भारी हंगामे के कारण सदन बाधित रहा और समय से पहले ही स्थगित करना पड़ा, लेकिन यह सत्र कई मायनों में कीर्तिमान बना दिया। दोनों सदनों में वक्फ संशोधन विधेयक पर बिना व्यवधान के स्वस्थ और सबसे लंबा विमर्श हुआ। राज्यसभा में 17 घंटे से ज्यादा और लोकसभा में 13 घंटे से ज्यादा चर्चा हुई, जो इतिहास है। इससे पहले किसी एक मुद्दे पर 1981 में 15 घंटे 51 मिनट की लंबी चर्चा का इतिहास है। सरकार का मानना है कि सत्र में सभी दलों के नेताओं ने नियमों एवं संवैधानिक परंपराओं का पालन करते हुए चर्चा में हिस्सा लिया, जो हमारे मजबूत लोकतंत्र का साक्षी है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने भी सत्र की सराहना की है। सत्र की समाप्ति के बाद केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने प्रेस कान्फ्रेंस में बजट सत्र को ऐतिहासिक और लोकतंत्र के लिए बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में 17 घंटे 2 मिनट तक चर्चा हुई, जो संसदीय इतिहास में सबसे लंबी रही। यह तीन अप्रैल की सुबह 11 बजे से चार अप्रैल को तड़के 4:02 बजे तक चली। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इस सत्र की कार्य उत्पादकता लगभग 118 प्रतिशत रही और इस दौरान कुल 16 विधेयक पारित किए गए। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकड़ ने ओम बिरला ने कहा कि बजट सत्र 31 जनवरी से चार अप्रैल तक चला। इस दौरान लोकसभा की 26 बैठकें हुईं, जो 160 घंटे 48 मिनट तक चलीं। जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा के विमर्श को संवाद और साझा उद्देश्य के आईने में ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि यह सत्र विधायी उपलब्धियों और एकता की भावना के लिए याद किया जाएगा। सदस्यों ने जवाबदेही के साथ अपनी बातें रखीं। हंगामे के बीच कार्यवाही अनिश्चितकाल तक स्थगित कर दी गई।

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