मेडिकल कॉलेज में डायलिसिस सेंटर पर आने वाले मरीजों को करना पड़ रहा है दिक्कतों का सामना

वेलकम इंडिया
सिद्धार्थनगर। जिले में माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज में चल रहे डायलिसिस सेंटर पर डायलिसिस के लिए आने वाले किडनी रोगियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरे तल पर स्थापित डायलिसिस सेंटर पर जाने के लिए लगाई गई लिμट सालों से खराब पड़ी है। साथ ही सेंटर के हर बेड पर आॅक्सीजन की व्यवस्था भी नही है। मेडिकल कॉलेज में किसी नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर की तैनाती न होने की वजह से इमरजेंसी में बहुत से किडनी रोगियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। सिद्धार्थनगर के माधव प्रसाद मेडिकल कॉलेज का ये 20 बेड का डायलिसिस सेंटर है। यहां हर करीब 50 से 60 मरीजों की डायलिसिस मुμत में की जाती है। इस डायलिसिस सेंटर तक मरीजो को ले जाने वाली ये लिμट सालों से खराब पड़ी है। डायलिसिस सेंटर पर आने वाले मरीजों ने यहां की तमाम दिक्कतो और कमीयों के बारे में बताते हुए कहा कि यहां का डायलिसिस सेंटर दूसरे तल पर है। लिμट खराब होने की वजह से यहां तक पहुंचाने के लिए हम लोगों को सीढ़ियों या रैंप का सहारा लेना पड़ता है। जिसकी वजह से अक्सर मरीजों की सांस फूलने लगती है। मरीजों ने बताया इस सेंटर पर किसी भी बीएड पे आक्सीजन की व्यवस्था नहीं है। जब कि पूरी यूनिट में सेन्ट्रल आक्सीजन की व्यवस्था होनी चाहिए । डायलिसिस करा रहे कुछ पुराने मरीजों ने बताया की यहां पर नेफ्रोनोलॉजिस्ट डॉक्टर की भी तैनाती नहीं है। ऐसे में कई बार डायलिसिस के दौरान मरीज की हालत बिगड़ने पर स्पेशलिस्ट डॉक्टर और आॅक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था न होने की वजह से कई मरीजों को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ा है। मरीजों ने यहां पर आॅक्सीजन और स्पेशलिस्ट डॉक्टर की व्यवस्था सरकार को जल्द से जल्द करने की माँग की। साथ ही इन लोगो ने कहा कि वर्षों से खराब पड़ी लिμट अगर नहीं बन पा रही है तो डायलिसिस सेंटर को ग्राउंड μलोर पर स्थापित कर देना चाहिए। डायलिसिस सेंटर के इंचार्ज प्रशांत सिंह का कहना है कि यहां पर मेंटेन ह्यूमन डायलिसिस होती है। लिμट को लेकर उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने कई बार अस्पताल प्रशासन को अवगत कराया है लेकिन अभी तक लिμट ठीक नहीं हो सकी है जिससे मरीजों को काफी दिक्कत होती है। वहीं उन्होंने आॅक्सीजन को लेकर कहा कि आॅक्सीजन के सिलेंडर उनके पास है अगर किसी मरीज को दिक्कत होती है तो आॅक्सीजन प्रोवाइड करते हैं। वहीं डायलिसिस सेंटर पर आॅक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई न होने और वहां तक जाने के लिए खराब पड़ी लिμट के बारे में माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजेश मोहन ने बताया कि लिμट काफी दिनों से खराब पड़ी है जिसको ठीक करने के लिए लिμट कंपनी के कर्मचारियों से संपर्क किया गया है। जल्द ही लिμट काम करने लगेगी।