स्वास्थ्य

सीएमओ ने किया प्राइमरी पाठशाला नगला धर्मा में टीडी टीकाकरण वैक्सीन कैंप का निरीक्षण तथा 10 एवं 16 वर्ष के सभी बच्चों का टीकाकरण कराया जाने के दिए

वेलकम इंडिया

जितेन्द्र कुमार हाथरस। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मंजीत सिंह द्वारा जनपद में चलाये जा रहे स्कूल बेस टीडी वैक्सीनेशन कैम्पेन के तहत प्राइमरी पाठशाला नगला धर्मा ब्लॉक मुरसान का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान डॉ चन्द्रवीर सिंह प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सामु स्वास्थ्य केन्द्र मुरसान, बृजेश कुमार, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी सामु0स्वास्थ्य केन्द्र मुरसान तथा डॉ प्रीती रावत एसएमओ डब्लूएचओ भी उपस्थित रहे। स्कूल में कुल 50 विद्यार्थी रजिस्टर्ड थे। इसमें 10 वर्ष व 16 वर्ष के 8 विद्यार्थियों को टीडी का टीका लगाकर विद्यार्थियों को आच्छादित किया गया था, ग्राम में स्कूल के अतिरिक्त अन्य 10 वर्ष व 16 वर्ष के बच्चों का टीडी वैक्सीन के तहत टीकाकरण नहीं हुआ था जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि वह ग्राम में छूटे बच्चों को शत प्रतिशत टीडी वैक्सीन से अच्छादित किया जाना सुनिश्चित करें। इसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा ग्राम विचपुरी ब्लॉक मुरसान का निरीक्षण किया गया। प्राथमिक विद्यालय विचपुरी में एएनएम टीकाकरण कार्य करती हुई पायी गयीं। विद्यालय में कुल 1 बच्चे का टीकारण हुआ था परन्तु एएनएम द्वारा आशा के माध्यम से ग्राम के अन्य बच्चों को कुल 11 बच्चों के टीडी के टीके और लगाये थे जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा संतोष व्यक्त किया गया । मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुरसान तथा स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुरसान को निर्देशित किया गया कि वह प्रतिदिन सुंबह 8 बजे से 11 बजे तक टीकाकरण सत्रों का निरीक्षण करेंगे तथा 10 एवं 16 वर्ष के सभी बच्चों का टीकाकरण कराया जाना सुनिश्चित करेंगे। अन्यथा की स्थिति में आवश्यक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। हीटवेव को देखते हुये सभी आवश्यक दवायें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर उपलब्ध रहे तथा सभी चिकित्सा अधिकारी अपने-अपने मुख्यालय पर निवास करे। बिना अनुमति लिये कोई भी चिकित्सा अधिकारी मुख्यालय को न छोडें। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत एमआर प्रथम तथा एमआर द्वितीय का टीकाकरण शत-प्रतिशत किया जाये जिससे कि खसरे, रूबैला जैसी बीमारियों से बच्चों को बचाया जा सके।

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