अव्यवस्थाओं का पूरक बना बरेली का डीआईओएस कार्यालय्

वेलकम इंडिया
बरेली। जिले के सरकारी स्कूलों के भौतिक हालातो के सत्यापन को लेकर जिले के शिक्षा अधिकारी अक्सर बिल्डिंग में व्यवस्थाओं और सुविधाओं को लेकर विद्यालयों को सचेत करते ही रहते हैं लेकिन यह शिक्षा अधिकारी यह नहीं देख पाते कि उनकी नाक के तले बने सरकारी कार्यालयों की स्थिति कैसी है, आज हम आपको एक ऐसा ही एक कार्यालय दिखाना चाहते हैं जिसे जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय कहते हैं, जहां पर जिला विद्यालय निरीक्षक स्वयं बैठकर जनपद में कक्षा 12 तक के विद्यालयों के संचालन एवं उनको उपलब्ध कराने वाली सुविधाओं और योजनाओं के बारे में मंथन करते हैं, इस कार्यालय की हालत ऐसी हो चुकी है जैसे कि कोई डलाव घर, बरेली जिले के सिविल लाइंस स्थित इस कार्यालय में पानी की व्यवस्था के लिए बनाई गई बिल्डिंग का बुरा हाल हो चुका है, खंडहर बन चुकी बिल्डिंग में पीने के पानी के लिए लगाई गई टोंटियां गायब है, और अधिकारी इन सभी चीजों से अंजान बने हुए हैं, ऐसा नहीं है कि कार्यालय के सौंदरीकरण या मरम्मत कार्य के लिए विभाग द्वारा कोई पैसा न प्राप्त होता हो, प्रत्येक वर्ष कार्यालय की रंगाई पुताई के साथ मरम्मत कार्य के लिए भी धनराशि का आवंटन होता है, लेकिन उसे पैसे का उपयोग बिल्डिंग के लिए नहीं किया जाता, यदि किया जाता होता तो बिल्डिंग की हालत ऐसी दिखाई नहीं देती। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के परिसर में चाय की दुकान के साथ तमाम हमने दुकान भी लगाई गई है आखिर इन दुकानों को लगाने की अनुमति किसने दी है जब इस बाबत कार्यालय के कुछ कर्मचारियों से पूछा गया तो वह कन्नी काटते हुए दिखाई दिए, कुछ कर्मचारियों ने दबी जुवान में कहा कि इन चाय की दुकान और खाद्य सामग्रियों की दुकानों से कार्यालय के कुछ बाबुओं की हिस्सेदारी बटी हुई है, उन्हे पुलिस वालों की तरह महीना तो नहीं मिलता, लेकिन खाने पीने की सामग्री में छूट जरूर मिलती है।