मेवाड़ में छत्रपति शिवाजी जयंती समारोह पूर्वक आयोजित हुआ

वेलकम इंडिया
गाजियाबाद। ‘मां, शिक्षक और गुरु ही एक बच्चे के व्यक्तित्व का विकास कर सकते हैं और छत्रपति शिवाजी महाराज इसका एक उदाहरण हैं। शिवाजी को छत्रपति शिवाजी बनाने वाले उनकी मां, चाचा और गुरु थे। राजस्थान के महाराणा सांगा परिवार से सम्बद्ध सिसोदिया वंश के शिवाजी जैसा निर्भीक योद्धा, कुशल प्रशासक, साम्प्रदायिक सौहार्द्र का प्रणेता आज तक कोई नहीं हुआ। उनके आदर्शों पर चलकर नौजवान देश व समाज के प्रति अपना जीवन सार्थक रूप से समर्पित कर सकते हैं।ज् वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में आयोजित छत्रपति शिवाजी जयंती समारोह में इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने ये विचार व्यक्त किए। उन्होंने शिवाजी की जीवनी के कुछ प्रेरणादायक प्रमुख अंश विद्यार्थियों को सुनाये और बताया कि विश्व में गुरिल्ला युद्ध शिवाजी की देन है। शिवाजी ने अपने कम योद्धाओं के बावजूद दुश्मनों की बड़ी सेना के दांत खट्टे किये। डॉ. गदिया ने कहा कि समय, काल और परिस्थिति के अनुसार हमें अपने तौर तरीके बदलने होंगे। यह शिवाजी ने सिखाया। शिवाजी के पास जांबाज सेनापति थे, जो बहुत विश्वासी थे। इसी वजह से शिवाजी ने हर मोर्चे पर दुश्मनों का डटकर मुकाबला किया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि सफलता हासिल करनी है तो अपनी सोच बदलो, जागरूक बनो और अपने से आगे देखो। सबसे प्रेमभाव से रहो। कटुता त्यागो। मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने कहा कि महापुरुष हमारे प्रेरणास्त्रोत हैं। इनसे जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है।