मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया गंगा एक्सप्रेसवे निर्माण कार्य का निरीक्षण, दिए अहम दिशा-निर्देश

वेलकम इंडिया
हरेन्द्र शर्मा हापुड़। जनपद में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य का स्थलीय निरीक्षण किया। यह परियोजना राज्य की सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक है, जो मेरठ से प्रयागराज तक लगभग 594 किलोमीटर लंबी होगी। इसका उद्देश्य प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों को जोड़ना है, जिससे औद्योगिक, कृषि, व्यापार, पर्यटन और निवेश के नए अवसर उत्पन्न होंगे।मुख्यमंत्री ने किया स्थलीय निरीक्षण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हापुड़ जिले की गढ़मुक्तेश्वर तहसील के आलमनगर बांगर गांव के समीप गंगा एक्सप्रेस वे पर निमार्णाधीन ओवर ब्रिज जिसकी लम्बाई 960 मीटर है, जिसका भौतिक निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, का स्थलीय निरीक्षण किया। गंगा एक्सप्रेसवे का यह पुल मेरठ के प्रा?रम्भिक बिन्दु से 66.85 किमी की दूरी पर है। इस दौरान आई0आर0बी0 के परियोजना निदेशक श्री अनूप कुमार सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री जी को गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के विषय में विस्तार से जानकारी दी। माननीय मुख्यमंत्री जी ने कार्य की भरपूर प्रशंसा की और समय पर गंगा एक्सप्रेसवे के सभी कार्यों को पूर्ण कराने के निर्देश दिये। माननीय मुख्यमंत्री जी ने गंगा एक्सप्रेस—वे निर्माण कार्य करने वाले श्रमिकों से मुलाकात की और उनको बधाई देते हुए श्रमिकों के साथ एक ग्रुप फोटो खिंचवाई। स्थलीय निरीक्षण के दौरान उत्तर प्रदेश मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, सांसद अमरोहा कंवर सिंह तंवर, क्षेत्रीय अध्यक्ष पश्चिमी उत्तर प्रदेश भाजपा श्री सत्येंद्र सिसोदिया, डी आई जी मेरठ, जिलाधिकारी हापुड़ साथ रहे। गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से उत्तर प्रदेश के आर्थिक परिदृश्य में बड़े बदलाव होंगे। यह एक्सप्रेसवे मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिलों को जोड़ेगा। यह न केवल राज्य के औद्योगिक और आर्थिक विकास को गति मिलेगी, बल्कि छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों को भी राज्य की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा। इससे कृषि, व्यापार, पर्यटन और निवेश के नए अवसर पैदा होंगे। छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। यह परियोजना उत्तर प्रदेश के विकास को नई गति प्रदान करेगी और राज्य को बुनियादी ढांचे, निवेश और रोजगार के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी।