ग़ाज़ियाबाद

पुलिस आयुक्त का सख्त संदेश साइबर अपराधों पर विशेष ध्यान

वेलकम इंडिया

गाजियाबाद। शहर में कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त और जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से नव नियुक्त पुलिस आयुक्त जे. रविंद्र गौड़ ने कार्यभार संभालते ही अपने सख्त तेवर और एक्टिव मोड में आ गए हैं। रविवार को उन्होंने थाना कोतवाली नगर और साइबर क्राइम थाना का औचक निरीक्षण कर पुलिस महकमे में खलबली मचा दी। 2005 बैच के अनुभवी आईपीएस अधिकारी जे. रविंद्र गौड़, जो हाल ही में आगरा से गाजियाबाद स्थानांतरित हुए हैं, अपने कड़े प्रशासनिक रवैये, अनुशासनप्रियता और जनता केंद्रित पुलिसिंग के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके निरीक्षण से यह साफ हो गया है कि अब गाजियाबाद में लापरवाही और ढील नहीं चलेगी। कोतवाली नगर में उन्होंने थाना परिसर की व्यवस्थाएं, शिकायतों के निस्तारण की प्रक्रिया, लंबित मामलों की स्थिति, साफ-सफाई, पुलिसकर्मियों का आचरण और अभिलेखों का रखरखाव आदि की गहराई से समीक्षा की। उन्होंने थानेदार को निर्देश दिए कि जनता की शिकायतों को प्राथमिकता से सुना जाए और उन्हें त्वरित न्याय मिले। गाजियाबाद में लगातार बढ़ते साइबर अपराधों की गंभीरता को देखते हुए आयुक्त ने साइबर क्राइम थाना का भी निरीक्षण किया। उन्होंने दर्ज मामलों की समीक्षा की, तकनीकी संसाधनों की स्थिति का जायजा लिया और साइबर अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाइयों की रिपोर्ट मांगी। पुलिस आयुक्त ने साफ कहा कि साइबर अपराध पीड़ितों को शीघ्र राहत दिलाना सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने साइबर क्राइम सेल को अधिक सक्रिय और संसाधनयुक्त करने के निर्देश दिए ताकि डिजिटल अपराधियों पर तेजी से शिकंजा कसा जा सके। निरीक्षण के दौरान आयुक्त गौड़ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पुलिस का मुख्य कर्तव्य जनता की सेवा और सुरक्षा है। पुलिस थाने ऐसे स्थान हों जहाँ आम नागरिक बिना डर, हिचकिचाहट और संकोच के अपनी बात रख सकें। उन्होंने थानों में व्यवस्था, स्वच्छता और नागरिकों के साथ व्यवहार को प्राथमिकता देने की सख्त हिदायत दी। सूत्रों के अनुसार, पुलिस आयुक्त जे. रविन्द्र गौड़ बीट और मैनुअल पुलिसिंग को मजबूत करने की दिशा में सक्रिय प्रयास कर रहे हैं। वे जल्द ही नियमित औचक निरीक्षण, फील्ड विजिट, और परफॉर्मेंस बेस्ड मूल्यांकन प्रणाली लागू करने की योजना में हैं। गौड़ के पहले ही निरीक्षण से यह संदेश साफ हो गया है कि गाजियाबाद में अब पुलिसिंग सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रहेगी।

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