बरेली के ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे के बाद भी अभी तक नही शुरू हुआ रोडवेज का संचालन

वेलकम इंडिया/चरन सिंह
बरेली। ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे पूरा होने के बाद भी रोडवेज बसों का संचालन शुरू नहीं हो सका है। इसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, दरअसल एक साल पहले परिवहन विभाग और परिवहन निगम ने इसके लिए सर्वे करा कर रिपोर्ट मुख्यालय भेजी थी। जिसमें उल्लेख किया गया था कि जिले के अभी भी कई ऐसे गांव हैं जहां पर रोडवेज बस नहीं पहुंचने से लोगों को बरेली आकर दिल्ली, लखनऊ या अन्य जगह के लिए बस पकड़नी पड़ती है। जहां रोडवेज बसें नहीं चल रही थीं, वहां सर्वे कराकर बसों का संचालन कराने की बात कही थी। परिवहन विभाग और परिवहन निगम की टीमों ने जिले के 86 गावों में रोडवेज बस चलाने के लिए सर्वे किया था। सर्वे में कमेटी ने सड़क की चौड़ाई, सड़क की स्थिति आदि के बारे में जानकारी जुटाई थी। उसके बाद किस रूट पर कितने सीटर बस चलेगी इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी गई थी। सर्वे के अनुसार बरेली में रिछा क्रासिंग बालपुर, बहेड़ी सेमीखेड़ावसुधरन, बहेड़ी शीशगढ, बहेड़ीशेरगढ़, बकैनिया चम्पतपुर से पिररिया रामपुर, सतुइया पट्टी से भोलापुर मिलक, रसूली चौधरी से गौतारा मुरादाबाद, बिहारीपुर से किटौना-आवंलासिरौली-शाहबाद, राजपुर कलान से ढकिया, डवौरा से नूरपुर आंवलाबिसौली-चंदौसी, रामपुर खुर्द से गोला खेड़ा, नवाबगंज-कल्याणपुर गेला, क्योलड़िया-सुनदरी, कल्याणपुरकटईया, सेंथल बरौर, भुता, बिथरी, किशनपुर, जादोपुर, बुखारा, पचपेड़ा, समेत अन्य गांव का चयन रोडवेज बस चलाने के लिए किया गया था। इस सर्वे रिपोर्ट के बाद केसरपुर के स्थानीय निवासी विपुल पटेल ने बताया है कि 2017 में रोडवेज बस का संचालन गांव तक होता था। बस बरेली से केसरपुर होते हुए नवाबगंज के लिए जाती थी और नवाबगंज से बरेली आती थी लेकिन कुछ महीने बाद बस चलना बंद हो गई। इसके अलावा नवाबगंज से सटे क्योलड़िया में भी बस सेवा नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।