चाय बागान संघर्ष समिति का गठन

वेलकम इंडिया
बागेश्वर।चाय बागानों में काम कर रहे श्रमिकों ने अपने अधिकारों व समस्याओं के निदान के लिए चाय बागान सघर्ष समिति का गठन किया है जिसके लिए गणेश सिंह मेहरा को अध्यक्ष व महेश लाल साह को सचिव चुना गया। इसके अलावा दीवान सिंह मेहतरा, दीपा देवी, हेमा देवी, चंदा देवी, हेमा शाह को कार्यकारिणी सदस्य चुना गया। इस दौरान रेखा साह,बसंती देवी, हरूली देवी, धीरज मेहरा आदि उपस्थित थे। से पूर्ण रुप से विकसित नहीं हुये है।चाय बागान में कार्य करने वाले श्रमिकों काश्तकारों ने चायबागानों को वापस किये जाने के सन्दर्भ में पूर्व में कोई लिखित या मौखिक सूचना भी कास्तकारों/भूमिघरों को नहीं दिए जाने, तथा बोर्ड की बैठक में एकपक्षीय निर्णय लेकर कास्तकारों / भूमिधरों का भी पक्ष नहीं सुनने का आरोप लगाते हुए। नाराजगीजताते हुए कहा कि लीज अवधि पूर्ण होने के बाद भी विभाग द्वारा चायबागानों की कोई जांच नहीं करने,चाय बागानों के संरक्षण की नितांत आवश्यकता होने, चाय बागानों के संरक्षण के क्रम में कास्तकारों / भूमिधरों को रोजगार देकर चाय बागान संरक्षित किये जाने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए चाय बागानों को समय से संचालित किए जाने, चाय बागानों में उत्पादन बढ़ाने के लिये पौध संरक्षण हेतु खाद पूर्ति तथा कुछ बागानों में तार बाड़ किये जाने, कास्तकारों को विभागीय तकनीकी जानकारी के लिये प्रशिक्षण दिए जाने,कास्तकारों को चाय बगीचों का स्वामित्व दे दिये जाने के बाद बिना तकनीकी प्रशिक्षण के उक्त चाय बागान रोजगार की दशा में अनुपयोगी होने की संभावना बनी रहने, बागानों का सफल संचालनकाश्तकारों के हाथों में दिए जाने, विभाग द्वारा तय की गई दरों पर भी कास्तकार / भूमिधर चाय बागानों के संचालन की मंशा में नहीं है तथा विभागीय दरों पर कार्य नहीं करना चाहते हैं।पूर्व की भांति ही चायबागानों को आगामी 15 वर्ष के लिये चाय बोर्ड को लीज पर देकर भविष्य में कास्तकार / भूमिधर आत्मनिर्भर होने की दशा में चाय बागानों का सफल संचालन करने, विभाग द्वारा लिए गए एकपक्षीय और जनहित में अनुपयोगी निर्णय पर पुनर्विचार कर चाय बागानों को फिर से बोर्ड द्वारा लीज में देने की अपील की। इस दौरान अध्यक्ष गणेश सिंह मेहरा,सचिव महेश लाल शाह,दीवान सिंह मेहरा दीपा देवी हेमा देवी,चंदा देवी ,रेखा शाह,हेमा शाह ,हेमा देवी,सुरेंद्र सिंह,मोतिमा देवी,प्रेमा देवी,बसंती देवी,हरुली देवी,आदि सभी काश्तकार मौजूद थे।