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करोड़ों का घोटाले में तहसीलदार औरलेखपाल समेत 28 लोगों पर एफआईआर

बरेली। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के छह संस्थानों के पदाधिकारियों द्वारा करोड़ों रुपये का ऋण हासिल कर सरकारी धन का दुरुपयोग करने का मामला सामने आया है। इस मामले में एंटी करप्शन ने एक तहसीलदार सहित कुल 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया है। भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) की जांच में खुलासा हुआ कि गायत्री, सगीर, सीमा, स्वास्तिक, शुक्ला गुड़ खांडसारी और जेएमडी ग्रामोद्योग सेवा संस्थान के पदाधिकारियों ने फर्जी भूमि अभिलेख और अन्य दस्तावेजों का उपयोग कर सरकारी योजनाओं से अनुचित लाभ लिया। इन संस्थानों के 22 पदाधिकारी इस घोटाले में शामिल पाए गए हैं। जांच में यह भी सामने आया कि तहसील और अन्य विभागीय कर्मियों ने अपनी जिम्मेदारी का सही निर्वहन नहीं किया और उन्होंने फर्जी दस्तावेजों को सत्यापित कर कुछ लोगों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया है। यह मामला त्रिस्तरीय समिति की प्रारंभिक जांच में उजागर हुआ, जिसके बाद मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने मामले को भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) को सौंप दिया है। अब इस मामले की विवेचना शुरू कर दी गई है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) की प्रारंभिक जांच में नायब तहसीलदार नरेंद्र कुमार, लेखपाल नाजिम मिया, रागिनी वर्मा, नीरज श्रीवास्तव, विशाल सेठ, चंद्रकाश शर्मा, तकमील अहमद, सगीर अहमद, तबस्मुम, इलियास खां, आफताब बेगम, मौ. वासिम खां, बरकत अली, मनोज कुमार, रूपेश कुमार, अंशु जौहरी, मालती शुक्ला, अतुल कुमार शुक्ला, आलोक शुक्ला, धर्म प्रकाश शुक्ला, मौ. रफीक, ममता साहनी, बलवीर सिंह, जहीर खां, मौ. अख्तर हुसैन, मौ. शरीक, महेंद्र कुमार, महेश चंद्र के नाम सामने आये हैं।

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