महाकुंभ में ‘शहीद विलेज’: वीर सैनिकों को समर्पित कश्मीर के संत की प्रेरक पहल

प्रयागराज महाकुंभ में इस बार आस्था के साथ देशभक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। धर्म और अध्यात्म के इस पवित्र मेले में सेक्टर-18 का एक पंडाल पूरी तरह से देश की रक्षा करते हुए शहीद होने वाले वीर जवानों और उनके परिवारों को समर्पित किया गया है। इस पंडाल को ‘शहीद ग्राम’ का नाम दिया गया है, जो श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां धर्मध्वजा की जगह तिरंगा लहराता है, और पुलवामा, कारगिल युद्ध और 26/11 जैसे घटनाओं में शहीद हुए सैनिकों की तस्वीरें हर ओर नजर आती हैं।
108 कुंडों की यज्ञशाला शहीदों को समर्पित
शहीदों की आत्मा की शांति के लिए यहां 108 कुंडों की विशाल यज्ञशाला का निर्माण किया गया है। इस यज्ञशाला में काशी से आए 108 वैदिक ब्राह्मण यज्ञ अनुष्ठान करेंगे। यज्ञशाला में प्रवेश से पहले सभी श्रद्धालुओं से राष्ट्रगान करवाया जाएगा, जो इस स्थान पर देशभक्ति की भावना को और भी प्रबल करता है।
शहीदों के परिवारों का सम्मान
इस पंडाल में लगभग 150 शहीदों के परिवारों को आमंत्रित किया गया है। उन्हें शहीदों के नाम पर बनी कुटियाओं में ठहराया जाएगा और विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही, शहीदों पर आधारित एक चित्र प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिसमें उनकी वीरता की कहानियां और उनके जीवन की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
तिरंगे में रंगा शहीद ग्राम
बालक योगेश्वर दास जी महाराज द्वारा स्थापित इस पंडाल को तिरंगे के रंगों से सजाया गया है। यहां तक कि बिजली के बल्ब भी तिरंगे के तीन रंगों में लगाए गए हैं। पूरे पंडाल में देशभक्ति के गीत गूंजते रहते हैं, जो श्रद्धालुओं के मन में देश के प्रति समर्पण की भावना को जागृत करते हैं।
देशभक्ति का संदेश देने वाली अनूठी पहल
बालक योगेश्वर दास जी महाराज का कहना है कि शहीद ग्राम के माध्यम से वह शहीदों के परिवारों को यह संदेश देना चाहते हैं कि देश अपने वीर सपूतों को कभी नहीं भूलता। इस पहल के माध्यम से संत महात्मा भी यह दिखा रहे हैं कि उनके आशीर्वाद और कृपा हमेशा देश के जांबाज सैनिकों के साथ है।
श्रद्धालुओं का उत्साह
महाकुंभ में आए श्रद्धालु शहीद ग्राम को देखकर काफी प्रभावित हो रहे हैं। उनका कहना है कि इस पंडाल ने उन्हें शहीदों के प्रति नई जानकारी और प्रेरणा दी है। श्रद्धालु बाबा बालक योगेश्वर दास जी की इस अनूठी पहल की जमकर सराहना कर रहे हैं।
आस्था और देशभक्ति का संगम
महाकुंभ में जहां धर्म और आध्यात्म के अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं, वहीं शहीद ग्राम ने देशभक्ति का एक अलग ही स्वरूप पेश किया है। यह पहल न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि शहीदों और उनके परिवारों के प्रति सम्मान का एक नया आयाम भी स्थापित करती है। बाबा बालक योगेश्वर दास की इस कोशिश को हर कोई सैल्यूट कर रहा है।