MVA ने दी कानूनी चुनौती: क्या महाराष्ट्र की इन सीटों पर फिर होंगे चुनाव ?

महाराष्ट्र में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में महायुति की शानदार जीत के बाद विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) ने चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं। MVA के छह उम्मीदवारों ने बंबई हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर कर महायुति उम्मीदवारों की जीत को चुनौती दी है।
चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप
MVA ने अपनी याचिकाओं में आरोप लगाया है कि चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी। आरोपों में शामिल हैं:
- मतदाता सूची में धांधली
- चुनाव आयोग द्वारा सीसीटीवी फुटेज और चुनावी दस्तावेज उपलब्ध कराने में पारदर्शिता की कमी
- वोट के लिए धर्म का उपयोग
- नकदी का वितरण और ईवीएम के दुरुपयोग का आरोप
चुनाव परिणाम को अमान्य करने की मांग
MVA के उम्मीदवार प्रशांत जगताप (हडपसर, पुणे), महेश कोठे (सोलापुर शहर उत्तर), अजीत गव्हाणे (भोसरी, पुणे), नरेश मनेरा (ओवला-माजीवाड़ा, ठाणे), सुनील चंद्रकांत भुसारा (विक्रमगढ़, पालघर) और मनोहर माधवी (ठाणे) ने हाई कोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं।
याचिकाओं में चुनाव आयोग से यह अनुरोध किया गया है कि संबंधित महायुति उम्मीदवारों की जीत को अमान्य घोषित किया जाए और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज़ और सीसीटीवी फुटेज जैसे प्रमाण उपलब्ध कराए जाएं।
MVA ने पारदर्शिता की मांग की
याचिकाओं में प्रपत्र 17ए (मतदाताओं का रजिस्टर) और 17सी (मतदान केंद्र में दर्ज मतों के विवरण) जैसे दस्तावेजों तक पहुंच की भी मांग की गई है।
महायुति की जीत और MVA की प्रतिक्रिया
20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 230 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि विपक्षी MVA को केवल 46 सीटें मिल सकीं। MVA के नेताओं का दावा है कि चुनाव में गड़बड़ी के कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
क्या दोबारा होंगे चुनाव?
बंबई हाई कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी, जिसके बाद तय होगा कि क्या इन सीटों पर चुनाव दोबारा कराए जाएंगे। यह मामला महाराष्ट्र की राजनीति में नई हलचल पैदा कर सकता है और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।