राष्ट्रीय

सांसदों के वेतनभत्ते में 24 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी

नई दिल्ली। सांसदों के वेतन-भत्ते में 24 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। 2018 के बाद पहली बार यह बढ़ोतरी की गई है। केंद्र सरकार ने वर्तमान सांसदों के वेतन-भत्ते के साथ ही पूर्व सांसदों के पेंशन में भी इसी आधार पर वृद्धि की अधिसूचना सोमवार को जारी की। वेतन वृद्धि के बाद अब सांसदों का मूल वेतन एक लाख से बढ़कर 1.24 लाख रुपये प्रति माह हो गया है। जबकि, सांसदों का दैनिक संसदीय भत्ता 2000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया है। संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, मौजूदा सदस्यों के दैनिक भत्ते और पेंशन में भी वृद्धि की गई है। वहीं पूर्व सांसदों के लिए पांच साल से अधिक की सेवा के प्रत्येक वर्ष के लिए अतिरिक्त पेंशन भी बढ़ाई गई है। सांसदों का वेतन पिछली बार 2018 में बढ़ा था और उसी समय फैसला हुआ था कि केंद्र सरकार महंगाई लागत सूचकांक के अनुसार पांच साल में वेतन वृद्धि की समीक्षा करेगी। इसीलिए, 24 प्रतिशत की वर्तमान बढ़ोतरी को अप्रैल 2023 से लागू करने की घोषणा की गई है। सांसदों को अब तक एक लाख रुपये वेतन मिलता था जो बढ़कर अब 1.24 लाख रुपये महीना हो जाएगा। दैनिक भत्ते में भी 500 रुपये की बढ़ोतरी होने के बाद अब यह 2500 रुपये प्रति दिन होगा। पूर्व सांसदों का न्यूनतम पेंशन 25 हजार रुपये से बढ़ाकर अब 31 हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है। पांच साल से अधिक की सेवा यानि एक टर्म से अधिक सदस्य रहे पूर्व सांसदों को प्रत्येक वर्ष के लिए अतिरिक्त पेंशन 2,000 रुपये प्रति माह की जगह अब 2,500 रुपये प्रति महीने के हिसाब से जोड़कर मिलेगा।

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