क्राइम

पुलिस वर्दी में आये 17 बदमाशों ने 24 दलितोंकी गोलियों से भूनकर कर डाली थी निर्मम हत्या

वेलकम इंडिया

मैनपुरी – उत्तर प्रदेश के जनपद फिरोजाबाद के थाना जसराना क्षेत्र का दिहुली गांव का वह नरसंहार जिसके बारे में लोग आज भी सुनते हैं तो उनकी रूह कांप जाती है।18 नवम्बर 1981 को दिहुली गांव में डेढ़ दर्जन से अधिक पुलिस की वर्दी में पहुंचे हथियारबंद बदमाशों के द्वारा दलित वस्ती पर ताबड़तोड़ गोलियों वर्षा कर 24 दलितों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद गांव के ही व्यक्ति लायक सिंह के द्वारा राधे और संतोषा गैंग के 17 नामजदों के विरुद्ध इस सामूहिक नरसंहार का मुकदमा दर्ज कराया गया था। दरअसल आपको बता दें कि 18 नवंबर 1981 की वह शाम है जो दिहुली गांव के लिए एक काली रात लेकर आई थी। इस गांव की दलित वस्ती पर राधे और संतोषा गैंग के 17 लोगों के द्वारा ताबड़तोड़ गोलियों बरसाते हुए 24 लोगों जिसमें कुछ महिलाएं, बच्चे और पुरुष शामिल थे। जिनकी हत्याएं कर दी गईं थी। इस घटना के बारे में आज भी जो कोई सुनता है तो उसकी रूह कांप जाती है। कई हत्यारों की पहले ही हो चुकी है मौत, शेष को फांसी की सजा के साथ जुर्माना : वहीं इस मामले में जिन बदमाशों के द्वारा इस नरसंहार की घटना को अंजाम दिया गया था। उसमें से 14 हत्यारों की पहले ही मौत हो चुकी है। जबकि अभी तीन हत्यारे जिंदा है। जिन्हें 44 साल बाद मैनपुरी न्यायालय की न्यायाधीश इंदिरा सिंह के द्वारा मौत की सजा सुनाई गई है। जिसके साथ ही तीनों ही हत्यारों पर 50- 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। जो सामने मिला, उसे गोलियों से भूना : राधे और संतोषा गैंग के सदस्यों ने इस कदर दलित वस्ती पर हमला किया था कि क्या बूढ़ा, क्या जवान, क्या महिलाएं और क्या बच्चे जो भी सामने मिलता गया। उसके उसपर ताबड़तोड़ गोलियों बरसाते हुए उसकी निर्मम हत्या कर दी थी। इस सामूहिक नरसंहार ने 23 लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था और एक गंभीर घायल की फिरोजाबाद अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। दिहुली निवासी लायक सिंह ने दर्ज कराई थी रिपोर्ट : थाना जसराना क्षेत्र के गांव दिहुली में हुए सामूहिक नरसंहार की रिपोर्ट उक्त गांव के ही रहने वाले लायक सिंह ने राधे और संतोषा गैंग के 17 लोगों पर 24 लोगों की हत्या करने के मामले में 19 नवंबर 1981 को मुकदमा दर्ज कराया था। दिहुली में खेली गई खुशियों की होली : जब होली से कुछ दिन पूर्व सामूहिक नरसंहार के दोषियों को न्यायालय के द्वारा जब दोषी करार दिया गया और फैसला सुरक्षित रख लिया गया। इसकी जानकारी जब गांव वालों को हुई तो दलित समाज के लोगों के द्वारा जमकर खुशियों की होली खेली गई। हालांकि इस पूरे ही मामले में पुलिस भी अपनी नजर बनाए हुए थी। यह थी वह वजह, जिसके कारण कर दिया गैंग ने नरसंहार : पीड़ित पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रोहित शुक्ला से जब पूंछा गया कि ऐसी क्या वजह थी जो राधे और संतोषा गैंग के द्वारा इतनी बड़ी घटना को अंजाम देते हुए नरसंहार किया गया। जिसपर उनके द्वारा बताया गया कि घटना से कुछ दिन पूर्व राधे और संतोषा गैंग पर पुलिस के द्वारा मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें दिहुली गांव के कुछ लोगों को पुलिस ने गवाह बनाया था। इसी बात से खुन्नस खाकर इस गैंग के द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया था।

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